संविधान सभा ने 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन में संविधान तैयार किया, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया। आइए, इस सफर में उन महान विभूतियों को याद करें, जिनकी वजह से आज हम गर्व से ‘गणतंत्र’(Republic Day 2025) कहलाते हैं।
Republic Day 2025 : इस बार हम 76वां गणतंत्र दिवस मनाने वाले हैं, यह समय उन विभूतियों को याद करने का भी है, जिन्होंने अमूल्य दस्तावेज को रचने में योगदान दिया। हमारा संविधान लोकतंत्र, समानता और स्वतंत्रता जैसे मूल सिद्धांतों का प्रतीक है। इसके निर्माण में प्रदेश का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। संविधान सभा में 299 सदस्य थे, जिनमें प्रदेश से 19 लोग शामिल हुए। इसके अलावा, मऊ में जन्मे डॉ. भीमराव आंबेडकर भी थे, जो संविधान सभा में मुंबई से चुने गए। इन महान विभूतियों ने कठिन मेहनत, दूरदृष्टि और अटूट संकल्प से संविधान को आकार दिया।
संविधान सभा ने 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन में संविधान तैयार किया, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया। आइए, इस सफर में उन महान विभूतियों को याद करें, जिनकी वजह से आज हम गर्व से ‘गणतंत्र’(Republic Day 2025) कहलाते हैं।
पंडित शंभूनाथ शुक्ल का जन्म 18 दिसंबर 1903 को शहडोल में हुआ। 1920 में असहयोग आंदोलन में जेल गए। इलाहाबाद विवि से 1928 में एलएलबी में गोल्ड मेडल मिला। 1929 में वकालत की शुरुआत की। स्वतंत्रता आंदोलन में उमरिया जेल में थे, इस दौरान बेटे की तबीयत बिगड़ी। पिता माता प्रसाद शुक्ल फरियाद लेकर पहुंचे। अंग्रेजों ने रिहा करने के एवज में आंदोलन छोड़ने की शर्त रखी। घर में बेटा तड़प रहा था, पर घुटने नहीं टेके। दवा और इलाज न मिलने से बेटे की मौत हो गई। 1945 में रीवा रियासत के सलाहकार बने। विंध्य प्रदेश से संविधान सभा में मनोनीत हुए। 1952 से 1956 तक विंध्य प्रदेश के सीएम रहे।
1. डॉ. हरिसिंह गौर, सागर
2. शंभूनाथ शुक्ल, शहडोल
3. पं. रविशंकर शुक्ल, सागर
4. कुसुमकांत जैन, झाबुआ
5. सेठ गोविंद दास, जबलपुर
6. फ्रेंक एंथोनी, जबलपुर
7. लाल सिंह सिनसिनवार, भोपाल
8 बाबू रामसहाय, विदिशा
9. त्र्यंबक धर्माधिकारी, बैतूल
10. भगवंतराव मंडलोई, खंडवा
11. गोपीकृष्ण विजयवर्गीय, गुना
12. विनायक सीताराम सरवटे, इंदौर
13. हरि विष्णु कामथ, नरसिंहपुर
14. बृजराज नारायण, ग्वालियर
15. राधावल्लभ विजयवर्गीय, नरसिंहगढ़
16. सीताराम जाजू, नीमच
17. अवधेश प्रताप सिंह, सतना
18. रतनलाल मालवीय, सागर
19. राम सहाय तिवारी, छतरपुर