भोपाल

बिल्डर लॉबी से जुड़े सौरभ के तार, आयकर विभाग को मिली डायरी में 100 करोड़ का हिसाब, RTO से भी लिंक

RTO Constable Saurabh Sharma Case: 52 किलो सोना-11 करोड़ कैश, मालदार हवलदार और बिल्डर एक सिक्के के दो पहलू, चेतन की कार से मिली डायरी में 100 करोड़ की कमाई का हिसाब, आरटीओ लिंक भी, सौरभ ने अविरल कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई चेतन के नाम पर, अरेरा में ऑफिस, यहीं से पकड़ा

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Dec 23, 2024

RTO Constable Saurabh Sharma Case: राजधानी भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में बिल्डरों के ५२ ठिकानों पर आयकर की छापेमारी के तार अब आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा से जुड़ गए हैं। बिल्डर लॉबी में सौरभ की गहरी पैठ रही। आयकर को मेंडोरी के जंगल में चेतन सिंह गौड़ की जिस कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए मिले, उसी कार से एक डायरी मिली। इसमें परिवहन विभाग के कई अफसरों और हाईप्रोफाइल लोगों के काले चिट्ठे हैं। डायरी में 100 करोड़ के लेन-देन का हिसाब है।

यह साफ है कि सौरभ ने काली कमाई का बड़ा हिस्सा दोस्त चेतन के नाम से छिपाया। अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रशन कंपनी बनाई, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ग्वालियर में रजिस्टे्रशन भी कराया। दफ्तर अरेरा कॉलोनी ई-7/78 में खोला। यहीं चेतन पत्नी के साथ दो कमरों में रहता है। लोकायुक्त ने चेतन को यहीं से निगरानी में रखा।

चेतन से आयकर अफसर पूछताछ कर रहे हैं। 150 से ज्यादा पेज में उसके बयान दर्ज किए हैं। बयान से विभाग कड़ी जोड़ रहा है कि जब्त सोना व रुपए सौरभ के हैं। आशंका यह भी है कि जब सौरभ खुद बिल्डर है तो यह काली कमाई बिल्डर लॉबी व प्रशासनिक अफसरों की भी हो सकती है।

आयकर विभाग और पुलिस में ठनी किसने दी सूचना, कैसे पहुंची दोनों एजेंसी

आयकर विभाग को पुलिस ने नहीं दी थी सोने से भरी गाड़ी की सूचना, पुलिस और आयकर विभाग को अलग अलग मिली थी जानकारी जिस रास्ते से कार मेंडोरी के जंगल गई, वहां के सीसीटीवी नहीं जांचे

रातीबड़ थाना क्षेत्र के मेंडोरी में सोने व नकदी की सूचना पर आयकर और पुलिस में ठन गई है। पुलिस का दावा है, आयकर को उन्होंने जानकारी दी। आयकर ने इससे इनकार किया है। आयकर का कहना है, उसे अन्य स्रोत से कार की सूचना मिली थी। पहले गुरुवार शाम 7 बजे आयकर के दो अफसर मेंडोरी पहुंचे, वहां पहले से कुछ पुलिसकर्मी थे। तब उन्होंने आयकर अफसरों को संदिग्ध कार के खड़े होने की बात कही। इसके बाद 30 गाडिय़ों से आयकर के अफसर एसएएफ के जवानों के साथ पहुंचे और कार्रवाई की।

अनसुलझे सवालों में फंसी पुलिस की कहानी

पुलिस ने कहा: उसे संदिग्ध कार के होने की सूचना मिली, तब आयकर को बताया।

सवाल- अमूमन लावारिस गाडिय़ों की सूचना पर पुलिस तुरंत गाड़ी थाने ले जाती है। इस मामले में आयकर को सूचना क्यों दी? क्या कार में रखे रुपए- सोने की जानकारी पुलिस को पहले से थी, कैसे?

आयकर ने कहा, पहले हमें सूचना मिली। हमारे अफसर वहां तैनात थे। सूचना पुलिस ने नहीं दी।

सवाल…यदि सूचना पुलिस ने भी दी तब भी इतना जवाब क्यों दे रहा आयकर विभाग?

सौरभ और बिल्डरों के गठजोड़ को पुख्ता कर रही बेनामी संपत्ति

बि ल्डरों पर चल रही आयकर की कार्रवाई रविवार को खत्म हो गई। इस दौरान विभाग को 150 से अधिक बेनामी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त के दस्तावेज मिले हैं। इनमें सौरभ शर्मा के यहां से मिली बेनामी संपत्ति भी है। इन संपत्तियों में से सौरभ और बिल्डरों का गठजोड़ पुख्ता हो रहा है। विभाग दस्तावेज की स्क्रूटनी कर रहा है। दो दर्जन से ज्यादा मिले लॉकर सोमवार से खोले जा सकते हैं।

सौरभ पकड़ से दूर

सौरभ अभी विभाग की पकड़ से दूर है। बताते हैं, दुबई में होने के कारण उससे संपर्क नहीं हो रहा है।

चड्डी-बनियान में भागा बिल्डर अब तक नहीं लौटा घर

आयकर की छापामार कार्रवाई के दौरान भोपाल का जो बिल्डर भारी ठंड में चड्डी-बनियान में भागा, वह रविवार तक नहीं लौटा। विभाग ने उसके ठिकाने से दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। उसकी तलाश की जा रही है।

उपनेता प्रतिपक्ष कटारे का आरोप: पूर्व सीएस ने मास्टर प्लान से छेड़छाड़ की

आयकर-लोकायुक्त कार्रवाई के बीच उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने गंभीर आरोप लगाए। बोले-लोकायुक्त कार्रवाई के बीच 52 किलो सोना व 11 करोड़ नकदी कार में किसने रखी। कार कैसे मेंडोरी पहुंची। कार्रवाई शुरू होने से जब्ती तक सीसीटीवी फुटेज की जांच हो।

बोले-एक सौरभ का सच आया, वह दुबई भागा, एक और सौरभ शर्मा है, उसका उज्जैन कनेक्शन है। यह सच भी सामने आए। परिवहन मंत्री-कर्मी की भूमिका की जांच हो। आज भी कुछ नाके गौरव पाराशर व हेमंत जाटव चला रहे हैं। चेतन मूलत: भिंड का है। सरनेम में कभी गौड़, कभी शुक्ला लिखता है।

पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस पर लगाया आरोप

कटारे ने पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस पर आरोप लगाया। कहा, बैंस ने बिल्डर राजेश शर्मा को फायदा पहुंचाने के लिए भोपाल के मास्टर प्लान से छेड़छाड़ की। सेवनियां गौड़ में बैंस व उनके परिवार ने कीमती भूमि खरीदी। इसकी जांच होनी चाहिए। बोले-मामले की जांच के लिए ईडी, आयकर, सीबीआइ को पत्र लिखूंगा। उन्होंने न्यायिक जांच भी मांग की।

2012 में ही बेच दी थी जमीन- इकबाल बैंस

पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कटारे के आरोपों पर पत्रिका से कहा कि सेवनियां गौड़ में जिस जमीन की बात हो रही है, वह जमीन मैंने 2011 में खरीदी थी और 2012 में बेच दी थी। इसके बाद वह किसे बेची गई, मालिकाना हक किसके पास है, मुझे नहीं पता।

Updated on:
23 Dec 2024 02:14 pm
Published on:
23 Dec 2024 09:17 am
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