भोपाल

सौरभ शर्मा के खिलाफ लुक आउट सर्क्यूलर जारी, आयकर विभाग को बड़े घोटाले का भी शक

Saurabh Sharma Case: मध्य प्रदेश में काली कमाई और अकूत संपत्ति का मालिक RTO का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा जल्द ही गिरफ्तार हो सकता है, उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है, अब उसे एयरपोर्ट पर पहुंचते ही गिरफ्तार किया जा सकेगा, वहीं आयकर विभाग को एक और बड़े घोटाले का क्लू मिला है, इस दिशा में भी जांच

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Dec 26, 2024

Saurabh Sharma Case Big Reveal: मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग (RTO) में काली कमाई और अकूत संपत्तियां अर्जित करने वाले RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ लुक आउट सर्क्यूलर (LOC) जारी कर दिया गया है। इस एलओसी के जारी होते ही सौरभ को एयरपोर्ट पर उतरते ही पकड़ा जा सकेगा। बता दें कि ये एलओसी आयकर विभाग ने जारी किया है। आयकर विभाग को संदेह है कि सौरभ शर्मा के करोड़ों रुपए का अवैध लेन-देन हवाला का भी हो सकता है।

दरअसल आयकर विभाग को ढाई-ढाई लाख रुपए वाली गड्डियां मिली हैं, जो हवाला में यूज की जाती हैं। ऐसे में आयकर विभाग के साथ ही लोकायुक्त पुलिस ने भी इस दिशा में जांच शुरू की है। हवाला के इस मामले को लेकर सौरभ के करीबी चेतन गौर से भी पूछताछ की गई है।

अब आरटीओ ऑफिसर्स और नेताओं से होगी पूछताछ

बता दें कि आयकर विभाग की टीम को भोपाल के मेंडोरी गांव में खड़ी एक कार में 52 किलो सोना, लगभग 10 करोड़ रुपए कैश के साथ एक डायरी भी मिली थी। इस डायरी में विभाग को कई आरटीओ, चेक पोस्ट के अधिकारी और नेताओं के नाम भी लिखे हैं।

आयकर विभाग अब इन्हें बुलाने की तैयारी कर रहा है। यह कार सौरभ के सहयोगी चेतन के नाम पर है, लेकिन इस कार का उपयोग खुद सौरभ ही कर रहा था। सोने के मामले में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) को भी सूचना दे दी गई है।

दिग्विजय ने पूर्व मंत्री की भूमिका पर उठाए सवाल

इस पूरे मामले में मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने परिवहन घोटाला बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में इस मामले की जांच कराने की मांग की है। साथ ही दिग्विजय सिंह ने इस प्रकरण में प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए जांच करने और सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी की बात भी कही है। उधर पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने दिग्विजय के लगाए आरोप पर कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया है।

'तत्कालीन मुख्यमंत्री ने बोर्ड गठित किया, जिसे भाजपा सरकार ने किया भंग'

दिग्विजय सिंह ने बताया कि, 'मध्य प्रदेश में जब कमल नाथ की सरकार बनी थी, तब परिवहन और राजस्व विभाग गोविंद सिंह राजपूत को देने का दबाव था, तब किसकी कहां पदस्थापना होगी, इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने बोर्ड गठित कर दिया था, लेकिन भाजपा सरकार में इस बोर्ड को भंग कर दिया गया।

दिग्विजय का कहना था कि सौरभ शर्मा वसूली का पूरा काम देखता था। ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी इसकी भूमिका रहती थी। यदि इसकी गहराई से जांच की जाए तो, यह पता चल जाएगा कि परिवहन चैकपोस्ट से जो काली कमाई होती थी, उसे कहां-कहां बांटा जाता था।

भोपाल में मंगलवार को आयोजित की गई पत्रकार वार्ता में दिग्विजय सिंह ने कहा कि जंगल में खड़ी कार में 52 किलोग्राम सोना, दो सौ किलोग्राम चांदी और 11 करोड़ नकद पाया जाना, इस बात का प्रमाण है कि परिवहन विभाग किस तरह से काली कमाई का माध्यम बना हुआ है।


Updated on:
26 Dec 2024 11:43 am
Published on:
26 Dec 2024 11:42 am
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