भोपाल

Sawan Somwar 2024: यहां है अनोखा शिवालय, एक साथ 1008 शिवलिंगों पर हो जाता है जलाभिषेक

Sawan Somwar 2024: सावन के महीने में mp patrika.com पर पढ़ें एमपी के अनोखे शिवालयों के बारे में, आज हम बता रहे हैं भिलोटा देव शिव मंदिर की रोचक कहानी, क्या आपने सुना है भोले बाबा के इस रूप का नाम…

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Jul 16, 2024

Sawan Somwar 2024: सावन के महीने में शिवमय हुए एमपी में आपको ऐसे कई शिवालय देखने को मिल जाएंगे, जो अपने आप में अनूठे हैं और दुनिया भर में मशहूर हैं। आज हम आपको बता रहे हैं रायसेन जिले के आशापुरी गांव में स्थित ऐसे ही शिवालय के बारे में जिनके दर्शन करने देश-दुनिया से लोग आते हैं, क्या आपने सुनी है भिलोटा महादेव की रोचक कहानी…

भोजपुर मंदिर के पास खुदाई में मिला था शिवलिंग

भोपाल संभाग के रायसेन जिले के भोजपुर मंदिर (Bhojpur Temple) के पास ही स्थित आशापुरी गांव में खुदाई के दौरान एक शिवलिंग मिला था। आज यही शिवलिंग भिलोटा देव के नाम से जाना जाता है। लोगों की आस्था है भिलोटा देव की पूजा-अर्चना करने से मांगी गई हर मनोकामना पूरी हो जाती है।

शिवलिंग की अनोखी बनावट ने इसे बनाया अनोखा शिवालय

मध्य प्रदेश का ये शिवालय अनोखा इसलिए कहलाता है क्योंकि यहां स्थित शिवलिंग की बनावट इसे अन्य शिवलिंगों से अलग बनाती है। दरअसल खुदाई से मिले शिवलिंग को तराशकर एक ही शिवलिंग में 1008 स्वरूपो के छोटे-छोटे शिवलिंग तैयार किए गए। इसकी संरचना ऐसी है कि जब आप मुख्य शिवलिंग पर जल या दुग्धाभिषेक करते हैं, तो ये जल या दुग्ध धारा एक-एक करके सभी 1008 स्वरूपों वाले शिवलिंगों पर चढ़ती जाती है। स्थानीय लोगों ने इसकी बनावट के कारण ही इसे भिलोटा देव नाम दिया है।

भिलोटा महादेव शिवलिंग दुनिया के अनोखे शिवालय में से एक है।

इसकी खासियत ये है कि इस शिवलिंग के सामने नंदी और पास में मां पार्वती की प्रतिमा भी स्थापित है। शिवलिंग दर्शन और पूजा करने भोपाल सहित दूरदराज से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि इस शिवलिंग में 1008 छोटे-छोटे शिवलिंग के होने से एक साथ सभी की पूजा करने का फल मिल जाता है।

सावन और महाशिवरात्रि पर लगता है मेला

यहां पूजा-अर्चना करने वाले संजय महाराज नाम के पुजारी बताते हैं कि सावन मास में और महाशिवरात्रि के वक्त यहां मेला भराता है। बड़ी संख्या में इस अनूठे शिवलिंग के दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां भंडारे का भी आयोजन होता है। महाराजजी बताते हैं कि यहां भजन-कीर्तन में भी बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचते हैं।

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