Sushant Singh Rajput - एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद देश में सुसाइड केस तेजी से बढ़े हैं।
Sushant Singh Rajput - एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद देश में सुसाइड केस तेजी से बढ़े हैं। विख्यात साइकैट्रिस्ट और डब्ल्यूएचओ के सुसाइड प्रिवेंशन नेटवर्क की सदस्य डॉ. लक्ष्मी विजयकुमार ने यह तथ्य उजागर किया। आत्महत्या की रोकथाम के लिए भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय मनोरोग सम्मेलन में शामिल होने आईं डॉ. लक्ष्मी ने बताया कि किसी चर्चित हस्ती के आत्महत्या कर लेने का समाज पर गहरा असर पड़ता है। ऐसी स्थिति में आत्महत्या के केस करीब 15 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट साइकेट्री (आईएपीपी) के तत्वाधान में राष्ट्रीय स्तर का यह सम्मेलन आयोजित किया गया है। दो दिनी सम्मेलन का एमपी के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि आत्महत्या से हो रही इतनी मौतें हमारे लिए एक बड़ी चुनौती हैं। इसका समाधान निकालना होगा।
साइकैट्रिस्ट डॉ. लक्ष्मी विजयकुमार ने सुशांत सिंह राजपूत का जिक्र करते हुए बताया कि उनकी आत्महत्या के बाद देशभर में गूगल पर 'सुसाइड कैसे करें' जैसे सर्च टर्म्स 19 प्रतिशत तक बढ़ गए थे। सामाजिक चर्चा का केंद्र बनने से यह ट्रेंड और भयावह हो जाता है।
डॉ. लक्ष्मी विजयकुमार ने बताया कि इसे 'कॉपी कैट सुसाइड' कहा जाता है। इसकी रोकथाम के सोशल मीडिया या मीडिया में आत्महत्या को महिमा मंडित करने की बजाए इसे एक गलत कदम के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। डॉ. लक्ष्मी विजय कुमार ने यह भी बताया कि दो दशकों के आंकड़ों के अनुसार भारत में दक्षिणी राज्यों में सबसे ज्यादा आत्महत्या हुई। देश में बिहार में सबसे कम आत्महत्या दर है। विशेषज्ञों के मुताबिक दक्षिण भारत में ज्यादा शिक्षित लोग हैं जिनसे अपेक्षाएं भी ज्यादा रहती हैं। इनके पूरा नहीं होने से उपजी निराशा के कारण लोग मरना पसंद कर लेते हैं जबकि बिहार सहित उत्तर भारत के लोग अत्यधिक संघर्षों से गुजरे हैं। यही वजह ये है कि वे मानसिक रूप से ज्यादा मजबूत और जुझारू बन गए हैं।