MP News: प्राइवेट स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण के नियमों में बदलाव के बाद कई स्कूल हो सकते हैं बंद, नये नियम के बाद खतरे में करीब 10 हजार स्टूडेंट्स का भविष्य खतरे में. कैसे करेंगे पढ़ाई, कैसे मिलेगी बेहतर शिक्षा...
MP News: बच्चों को निशुल्क और बेहतर शिक्षा के नाम पर सरकार ने जिन बच्चों का एडमिशन प्राइवेट स्कूलों में कराया उनकी पढ़ाई पर ब्रेक लग सकता है। राजधानी सहित प्रदेश के एक हजार निजी स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण नहीं हो पाया। आरटीई के तहत इनमें पढ़ने वाले बच्चों के प्रवेश अवैध हो गए। बच्चों की संख्या करीब दस हजार है। अभिभावक परेशान हैं। उनका सवाल है अब वे बच्चों को कहां पढ़ाएं राजधानी में 1600 निजी स्कूल हैं। ऐसे में कक्षा आठ तक करीब एक लाख बच्चे प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ाई कर रहे हैं।
प्राइवेट स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण के नियमों में बदलाव के कारण यह दिक्कत आई। नए नियमों के तहत मान्यता के किराएनामा अनिवार्य कर दिया है। इस पर कई स्कूलों के सामने दिक्कत आई। खासतौर से वे जो पट्टे की भूमि या फिर ट्रस्ट से संचालित हैं। इनके पास न तो रजिस्ट्री है और न ही किराएनामा। इनका नवीनीकरण रूक गया। ऐसे में इनमें दाखिला पाने वाले बच्चों को भी परेशानी आ रही है।
-1600 प्राइवेट स्कूल शहर में
-6 हजार एडमिशन इस साल
-50 हजार आठ कक्षाओं में
प्रदेश के स्कूलों में पहली बार 2011 में आरटीई के तहत बच्चों के एडमिशन शुरू हुए। कोरोनाकाल को छोड़ प्रक्रिया हर साल जारी है। स्कूल शिक्षा विभाग प्राइवेट स्कूलों से रिपोर्ट मांगता है उसके बाद फीस दी जाती है। अधिकारियों के मुताबिक प्राइवेट स्कूलों की मान्यता और मान्यता नवीनीकरण के लिए इस साल नियमों में संशोधन हुआ। नए नियमों के आधार पर मान्यता के लिए दो बार सीमा बढ़ाई जा चुकी है। जिला स्तर पर इसके लिए निर्णय लिए जाने है।
प्राइवेट स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण रूक गया है। करीब एक हजार स्कूलों के सामने यह परेशानी है। यहां करीब दस हजार बच्चे आरटीई के तहत पढ़ रहे हैं। स्कूल संचालकों ने इनके लिए राज्य शिक्षा केन्द्र को लिखा है।
-अजीत सिंह, अध्यक्ष प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन