अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक पर्व दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। शहर में विभिन्न स्थानों पर दशहरा उत्सव के आयोजन होंगे व सजीव झांकियां निकाली जाएगी। डॉ. करणी सिंह स्टेडियम, पॉलिटेक्निक कॉलेज मैदान, धरणीधर खेल मैदान और मुरली मनोहर मैदान भीनासर में बड़े स्तर पर दशहरा उत्सव के आयोजन होंगे। इस बार दशहरा के लिए रावण के पुतलों की ऊंचाई 85 फीट तक होगी। रावण के पुतले दहन के दौरान मुंख से चिंगारियां निकालेंगे, चेहरा घुमता हुआ नजर आएगा, तलवार हिलेगी और आंखे क्रोध से लाल होती नजर आएगी। इस दौरान नयनाभिराम आतिशबाजी के नजारे भी देखने को मिलेंगे।
बीकानेर. अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक दशहरा उत्सव 2 अक्टूबर को शहर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन होगा, साथ ही नयनाभिराम आतिशबाजी और सजीव झांकियों का आनंद लिया जा सकेगा।
बीकानेर में दशहरा उत्सव के लिए तैयार हुए 85 फीट ऊंचे रावण, जिनकी आंखें लाल होंगी, मुंह से चिंगारियां निकलेगी और नाभि पर चकरी घूमेगी। जबकि कुंभकर्ण और मेघनाद भी मैदान में भव्य रूप में नजर आएंगे। पुतले के आगे और पीछे दोनों तरफ मुंह होगा, जो तीन दिशाओं में घूमेगा। रावण के पुतले की तलवार हवा में लहराएगी और दहन के दौरान अट्टाहास करता नजर आएगा।
मुख्य आयोजन स्थल और पुतलों की ऊंचाई
डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में दशहरा उत्सव के दौरान रावण 85 फीट, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले 80-80 फीट के होंगे।पॉलिटेक्निक कॉलेज मैदान, धरणीधर खेल मैदान, भीनासर मुरली मनोहर मंदिर के पास होने वाले आयोजनों के लिए पुतलों की तैयारियां जारी हैं। भीनासर में केवल रावण के पुतले का दहन होगा।
झांकियों का आकर्षण
दशहरा कमेटियों की ओर से रामायण और देवी-देवताओं पर आधारित सजीव झांकियां निकाली जाएंगी। झांकियों में शिव-पर्वती, राधा-कृष्ण, राम-सीता-लक्ष्मण, हनुमान, राम-रावण युद्ध, वनवासी राम, राम दरबार, वानर सेना, रावण परिवार, भरत, शत्रुघ्न जैसे चरित्र और दृश्य जीवंत रूप से नजर आएंगे। कलाकारों का चयन पहले ही किया जा चुका है और झांकियां शहर की गलियों में उत्सव का रंग भरेंगी।
विशेष आयोजन
दशहरा पर शस्त्र पूजन और सजीव झांकियों के अलावा रावण के पुतले के दहन के दौरान सैकड़ों पटाखों की आवाज और भव्य आतिशबाजी विशेष आकर्षण होगी। बाल स्वरूप हनुमान की ओर से रावण की सोने की लंका का दहन भी दिखाया जाएगा। मंदिर प्रांगण और मैदानोंमें नवरात्र की भांति उत्सव का माहौल रहेगा।