रूस पढ़ने के लिए गया राजस्थान का एक युवक इन दिनों रूस-यूक्रेन जंग में फंस गया है। मौजूदा समय में वह रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के इलाके में है। उसको जबरन आर्मी में भेज दिया गया, जिसके बाद उसने दो वीडियो जारी किए हैं।
बीकानेर। जिले के अर्जुनसर गांव से रूस में रसियन लैंग्वेज की पढ़ाई करने गया युवक अजय गोदारा इन दिनों यूक्रेन युद्ध में जबरन झोंके जाने की वजह से मौत और जिंदगी के बीच जूझ रहा है। अजय ने अब तक दो वीडियो जारी किए हैं, जिनमें वह रूसी सेना की वर्दी में नजर आ रहा है और भावुक होकर अपनी आपबीती सुना रहा है।
अपने दूसरे वीडियो में तो उसने यहां तक कहा कि 'यह मेरा आखिरी वीडियो हो सकता है…' इसके बाद से घरवाले बुरी तरह घबरा गए हैं। राज्य और केंद्र सरकार से बेटे को बचा कर लाने की अपील कर रहे हैं।
अजय नवंबर 2024 में रूस के मॉस्को शहर पढ़ाई के लिए गया था। वहां उसे और कुछ अन्य भारतीय युवकों को भाषा की पढ़ाई के बाद तीन महीने की सेना ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। अजय के मुताबिक, यह सिर्फ एक दिखावा था। असल मकसद उन्हें युद्ध के मैदान में उतारना था। अजय ने अपने वीडियो में बताया कि उसके साथ सीकर का संदीप, हरियाणा के विजय और अंकित भी थे।
युद्ध के दौरान हवाई हमले में एक साथी की मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य साथी भाग निकले। वह खुद रास्ता भटक गया और आठ दिन बाद पकड़ में आया। अजय ने कहा कि 'हम चार थे… एक मारा गया, दो भाग गए… मैं अब रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी शहर सेलिडोज में हूं।'
मां कलावती की आंखों से बस आंसू बह रहे हैं। बेटे का वीडियो देखने के बाद अजय की मां कलावती मानसिक संतुलन तक खो बैठी हैं। उनका कहना है…डॉक्टरी करने भेजा था, लड़ाई में क्यों झोंक दिया। मेरा अज्जू ही इकलौता बेटा है, उसे किसी भी हालत में घर लाओ।
पिता महावीर प्रसाद का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा…15 दिन पहले अज्जू से बात हुई थी। बता रहा था, तीन महीने के लिए ट्रेनिंग पर भेज रहे हैं। युद्ध में झोंक दिया। अब कोई संपर्क भी नहीं हो रहा। सरकार हमारे बेटे को बचाए, यह धोखा है।
अजय के अनुसार, ट्रेनिंग से इनकार करने पर रूसी सैनिकों ने दो टूक कह दिया…अब तुम यूक्रेन की ज़मीन पर हो, यहां कोई तुम्हारी नहीं सुनेगा। उसने वीडियो में यह भी आशंका जताई कि यह उसका यह आखिरी संदेश हो सकता है। परिवार वालों के मुताबिक यह वीडियो दो दिन पहले आया था।
अजय के परिवार ने केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से निवेदन किया है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और बेटे को सुरक्षित घर लाने में मदद करें। स्थानीय प्रशासन और विदेश मंत्रालय से भी मदद की अपील की गई है। इन सबके बीच मां का एक ही सवाल क्या मेरा अज्जू कभी घर लौटेगा…सभी का कलेजा छलनी कर रहा है।