High Court: हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में चल रही थी। मनप्रीत कौर के वकील ने पक्ष रखते हुए बताया कि वह विभिन्न निजी कॉलेजों में गेस्ट लेक्चरर के तौर पर काम करती थीं।
Bilaspur High Court: आईपीएस जीपी सिंह की पत्नी मनप्रीत कौर के खिलाफ पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा दर्ज किए आय से अधिक संपत्ति के मामले को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है।
चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने इसे पूर्वाग्रह से ग्रस्त कार्रवाई माना है। बता दें कि जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति समेत राजद्रोह और एक्सटॉर्शन से संबंधित तीन अपराध पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में दर्ज करवाए गए थे, जो हाईकोर्ट द्वारा निरस्त किए जा चुके हैं।
एडीजी जीपी सिंह की पत्नी मनप्रीत कौर के खिलाफ भी कांग्रेस सरकार में एसीबी ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत प्रिवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट 12 और आपराधिक षडयंत्र की धारा 120 बी दर्ज किया था। मामले में एसीबी ने कथित तौर पर स्टेट बैंक के ब्रांच मैनेजर मणिभूषण से दो किलो सोना जब्त किया था। यह सोना पार्किंग में खड़ी स्कूटी से जब्त किया गया था।
इस स्कूटी को मणिभूषण का बताया गया और दो किलो सोना को आईपीएस जीपी सिंह की अवैध कमाई का हिस्सा बताया गया, जिसे खपाने के लिए अपने परिचित में स्टेट बैंक के मैनेजर मणिभूषण को देने की कहानी एसीबी द्वारा प्रस्तुत की गई थी।
हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में चल रही थी। मनप्रीत कौर के वकील ने पक्ष रखते हुए बताया कि वह विभिन्न निजी कॉलेजों में गेस्ट लेक्चरर के तौर पर काम करती थीं। उनका शैक्षिक योग्यता एमएससी लाइफ साइंसेज और लाइफ साइंस में पीएचडी है, इसके अलावा इंग्लिश ऑनर्स भी किया है। शादी से पहले उन्होंने ट्यूशन और नौकरी करके पैसे बचाए थे। शादी के बाद उन्होंने एजुकेशनल कंसलटेंसी और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट क्लासेस शुरू की थी।