Bilaspur High Court: 17 जून को जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर मंगलवार को आदेश जारी किया गया।
Bilaspur High Court: हाईकोर्ट ने राज्य शासन की प्रमोशन नीति को सही ठहराते हुए इस मामले में दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद प्राचार्य प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। याचिकाकर्ताओं ने व्याख्याता से प्राचार्य के पद पर बीएड डिग्री धारकों को ही प्रमोशन देने की मांग की थी। जबकि राज्य शासन द्वारा सीनियरिटी के आधार पर गैर बीएड धारकों को भी प्रमोशन दिया जा रहा था।
बता दें कि करीब 15 दिन पहले हाईकोर्ट में 11 से 17 जून के बीच लगातार 4 दिन इस मामले में सुनवाई हुई थी। 17 जून को जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर मंगलवार को आदेश जारी किया गया।
प्राचार्य पदोन्नति फोरम के साथ ही प्रमोशन को लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी। इसमें बताया गया कि, पहले कोर्ट के आदेश के बावजूद कई शिक्षकों को प्राचार्य पद पर प्रमोशन देकर ज्वॉइन करा दिया गया है।
Bilaspur High Court: अनिवार्य बताया था। इसके अलावा, उन्होंने माध्यमिक स्कूलों के प्रधान पाठकों से लेक्चरर बने शिक्षकों की वरिष्ठता का मुद्दा भी उठाया। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि प्रमोशन नियम को लेकर सभी कैटेगरी के शिक्षकों के हितों का ध्यान रखा गया है। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। कोर्ट ने तर्कों से सहमत होकर याचिकाएं खारिज कर दी।