High Court: बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक महिला व उसके दो बेटों की नृशंस हत्या के दोषी पुलिस हेड कांस्टेबल चंद्रकांत निषाद की अपील को खारिज करते हुए उसकी दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी है।
CG High Court: बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक महिला व उसके दो बेटों की नृशंस हत्या के दोषी पुलिस हेड कांस्टेबल चंद्रकांत निषाद की अपील को खारिज करते हुए उसकी दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी है।
कोर्ट ने कहा कि आरोपी को मृतकों के साथ अंतिम बार देखा गया हो और बरामद वस्तुओं पर खून के निशान पाए जाएं तथा आरोपी इन तथ्यों की कोई विश्वसनीय व्याया नहीं दे सके, तो यह अभियोजन के पक्ष में सशक्त साक्ष्य बन जाता है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, न्यायमूर्ति बिभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने यह निर्णय दिया। रायपुर के 14 वें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा 26 नवंबर 2020 को पारित सजा के विरुद्ध अपील दायर की गई थी।
रायपुर जिले के उरला थाना क्षेत्र के ग्राम बाना निवासी दुलौरिन बाई व उसके बेटे सोनू निषाद और संजय निषाद की हत्या से संबंधित है। 10 अक्टूबर 2019 को पुलिस को आरोपी चंद्रकांत निषाद द्वारा सूचना दी गई, जिसके आधार पर मृत्यु की मर्ग सूचना दर्ज की गई। जांच में आया तीनों की हत्या कर साक्ष्य छिपाने उनके शवों को घर में जलाकर नष्ट करने का प्रयास किया गया।
जांच में चंद्रकांत निषाद को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। आरोपी के पास से खून से सनी टी-शर्ट और घटना में प्रयुक्त स्कूटी भी जब्त की गई।