Phalodi Satta Market: सट्टा बाजार के दावों ने सिसायी गलियारों में खलबली मचा दी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के 7 चरणों में पूरा होगा। अभी सिर्फ एक चरण का चुनाव बाकी है
Phalodi Satta Market: लोकसभा चुनाव के परिणाम अगले सप्ताह सामने आ जाएंगे। मोदी की गारंटी जनता को प्रभावित करेगी या नहीं यह तो 4 जून को ही पता चलेगा। इससे पहले सट्टा बाजार के दावों ने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है। लोकसभा चुनाव 2024 सात चरणों में पूरा होगा। अभी सिर्फ एक चरण का चुनाव बाकी है। लेकिन ही हार जीत के अनुमान अभी से सामने आ रहे हैं, हालांकि एग्जिट पोल नहीं बल्कि ये सट्टा बाजारों के दावे हैं जिनके ऊपर लोग भरोसा करके अपने पैसे लगा रहे हैं।
सट्टा बाजारों में सबसे बड़े नाम के रूप में फलोदी सट्टा मार्केट उभरा है। राजस्थान के फलोदी सट्टा बाजार ने अपने अनुमानों से राजनीतिक दलों, नेताओं, विश्लेषकों और जनता को के होश उड़ा दिए हैं। फलोदी स्ट्टा बाजार ने देश के सभी राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस गठबंधन के हार जीत के अनुमान लगाए हैं। जिस तरह फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Market) देश भर में अपने अनुमानों से सबको चौंका रहा है उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में स्थानीय स्तर पर विभिन प्रकार के सट्टा बाजार उमड़ आए हैं जो अलग अलग भविष्यवाणियां कर रहे हैं।
फलोदी सट्टा बाजार ने छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीट के अनुमान भी लगाए हैं। स्थानीय स्तर पर (Phalodi Satta Market) बिलासपुर सट्टा बाजार भी सक्रिय हो गया है। कहा जा रहा है कि बिलासपुर सट्टा बाजार पर 1000 करोड़ से अधिक का दांव लगा है। पैसे लगाने वालों में कोयला माफिया, भू-माफिया, शराब माफिया सबसे ऊपर हैं क्योंकि बिलासपुर लोक सभा क्षेत्र में इन माफियाओं की तूती बोलती है। सट्टा बाजार ने भाजपा प्रत्याशी का भाव दस पैसे से गिरा कर पांच पैसे कर दिया है और कांग्रेस प्रत्याशी का 60 पैसे। सट्टा बाजार ने बिलासपुर लोकसभा सीट में बीजेपी और कांग्रेस के हार जीत का अनुमान लगाया है। बिलासपुर में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है।
छत्तीसगढ़ में बिलासपुर लोक सभा पर सबकी नजर इसलिए भी है क्योंकि यहां के परिणाम में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों की छवि की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होगी। जहां भाजपा ने स्वच्छ छवि के उम्मीदवार पर अपना भरोसा जताया वहीं कांग्रेस ने पैराशूट प्रत्याशी को मैदान में उतारा। बाहरी होने के साथ साथ कांग्रेस प्रत्याशी, जो विधायक हैं उनका नाम कोयला घोटाले से भी जुड़ा है। बिलासपुर सट्टा बाजार (Phalodi Satta Market) ने भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के इमेज फैक्टर को बड़ा मानदंड बनाते हुए सनसनीखेज भविष्वाणी की है।
देखना बेहद दिलचस्प होगा कि बिलासपुर लोकसभा के सियासी अखाड़े में जीत किस पार्टी के नेता की होती है। फिलहाल यहां हम आपको बिलासपुर सट्टा बाजार का अनुमान बता रहे हैं। हम सट्टा बाजार (Phalodi Satta Market) के इन दावों की न पुष्टि करते हैं और न ही इसे प्रोत्साहित करते हैं। यह सिर्फ अनुमानों पर आधारित है। देखते हैं बिलासपुर सीट पर जनता ने किस पर अपना भरोसा जताया है…
चुनाव से पहले यह कहा जा रहा है कि इस बार बीजेपी के हाथ से सत्ता निकल गई। सट्टा बाजार ने दावा किया है कि देश में फिर से मोदी सरकार आ रही है, लेकिन जीत का यह अंतर ज्यादा नहीं होगा। इधर छत्तीसगढ़ में बीजेपी 2019 के मुकाबले जबरदस्त प्रदर्शन कर रही है। बिलासपुर सट्टा बाजार ने स्थानीय सीट का अनुमान लगाया है। बताया है कि इस सीट (Phalodi Satta Market) पर एक बार फिर बीजेपी को जीत मिलने की सम्भावना है।
कांग्रेस ने इस बार सबको चौंकाते हुए और स्थानीय नेताओं को दरकिनार करते हुए नया दांव खेला और विवादों में घिरे विधायक देवेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया। सट्टा बाजार के अनुसार देवेंद्र यादव की छवि का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है। फिलहाल यह अनुमान कितना सच साबित होता है यह तो 4 जून को ही पता चलेगा।
छत्तीसगढ़ की बिलासपुर लोकसभा सीट काफी हॉट सीट मानी जाती है। यह सीट 1952 में पहली बार अस्तित्व में आई थी। 2019 में BJP के अरुण साव यहां से सांसद बने। 2024 में बीजेपी ने बिलासपुर से तोखन साहू को उम्मीदवार बनाया। पिछले कई सालों से बिलासपुर बीजेपी का गढ़ रहा है। 1996 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है।
2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अरुण साव ने कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव को हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से लखन कुमार साहू ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस के करुणा शुक्ला को शिकस्त दी थी। 2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के दिलीप सिंह जूदेव ने जीत हासिल की थी। जूदेव ने कांग्रेस की डॉ रेणु जोगी को हराया था। बिलासपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। ये सीटें हैं-कोटा, लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा और मस्तूरी।