Pension and Health Scheme: गिग वर्कर को चरणबद्ध तरीके से स्वास्थ्य सेवा का लाभ दिया जाएगा। अगले दो-तीन सप्ताह में योजना शुरू हो सकती है।
Ayushman Bharat Yojana: केंद्र सरकार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ काम करने वाले गिग वर्कर्स (अस्थायी और ठेके पर काम करने वाले कामगारों) के लिए प्रस्तावित पेंशन योजना (Pension Scheme) में योगदान के लिए प्लेटफॉर्म एग्रीगेटरों से कामगारों की आय के 2% के बराबर राशि एकत्र करने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने कहा, गिग कामगारों (GIG Workers) की पेंशन के लिए जो रूपरेखा तैयार की गई है उसके अनुसार नियोक्ता प्रत्येक लेनदेन के दौरान कर्मचारी की ओर से अर्जित आय का 2% योगदान देंगे। यह राशि उनकी आय से अलग होगी। प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर यह राशि एकत्र कर ईपीएफओ (EPFO) के पास कर्मचारी के खाते में जमा करेंगे। अगले दो-तीन सप्ताह में योजना शुरू हो सकती है। यानी यदि गिग वर्कर प्रत्येक ऑर्डर पर 15 रुपए कमाता है तो नियोक्ता उस राशि का 2% यानी 30 पैसा उनके ईपीएफओ अकाउंट में जमा कराएगा।
इसके साथ ही असंगठित क्षेत्र के अस्थायी कर्मियों यानी गिग वर्कर को चरणबद्ध तरीके से स्वास्थ्य सेवा का लाभ दिया जाएगा। पहले चरण में ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 10 लाख गिग वर्कर को मई-जून तक आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ मिलने लगेगा। उसके बाद वित्तीय वर्ष 2026-27 के अंत तक एक करोड़ गिग वर्कर को योजना से जोडऩे का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों और डिजिटल प्लेटफॉम्र्स को पत्र लिखकर कहा है कि वे अपने यहां कार्यरत सभी गिग वर्कर का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराएं। पंजीकरण आधार व पैन कार्ड के साथ कराया जाए, जिससे कि एक श्रमिक दो बार पंजीकृत न हो सके। गिग वर्कर्स को ई-श्रम कार्ड के जरिए ही आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाएगा या फिर आयुष्मान भारत का अलग से कार्ड जारी किया जाएगा। इस पर अंतिम रूप से जल्द ही फैसला होने की संभावना है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लाने पर विचार कर रही है। इसमें एक न्यूनतम पेंशन सीमा निर्धारित की जाएगी। इसके साथ ही, स्कीम में योगदान देने वाले श्रमिकों को विकल्प दिया जाएगा कि वह पेंशन में अपना अंशदान बढ़ा सकेंगे, जिसके आधार पर उन्हें न्यूनतम सीमा से अधिक पेंशन मिल सकेगी।