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RBI का बड़ा फैसला: RTGS और NEFT लेनदेन होंगे और अधिक सुरक्षित

RBI: डिजिटल इंडिया के बढ़ते प्रभाव और ऑनलाइन लेनदेन की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए डिजिटल लेनदेन को अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। आइए जानते है पूरी खबर।

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Dec 31, 2024

RBI: डिजिटल इंडिया के बढ़ते प्रभाव और ऑनलाइन लेनदेन की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए डिजिटल लेनदेन को अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। हाल ही में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) में RBI ने साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता जताई है। रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि ऑनलाइन भुगतान माध्यमों की लोकप्रियता के साथ ही धोखाधड़ी की घटनाओं में भी बढ़ोतरी हो रही है।

साइबर फ्रॉड रोकने के लिए नई रणनीति (RBI)

RBI ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि डिजिटल लेनदेन के बढ़ते जोखिम को देखते हुए साइबर सुरक्षा के उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता है। इस पहल के तहत म्यूल अकाउंट्स (फर्जी खातों) की पहचान और उन पर कार्रवाई को प्राथमिकता दी गई है। म्यूल अकाउंट्स वे खाते हैं, जिनका उपयोग धोखाधड़ी की योजनाओं को अंजाम देने के लिए किया जाता है। RBI ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को ऐसे खातों पर नजर रखने और उन्हें बंद करने के लिए सतर्कता बढ़ाने की सिफारिश की है।

बैंक फ्रॉड के आंकड़े चिंताजनक

रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक फ्रॉड के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जहां पिछले वित्तीय वर्ष में बैंक धोखाधड़ी के 13,530 मामले सामने आए थे, वहीं इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 18,461 हो गई है। इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि वित्तीय नुकसान में आठ गुना वृद्धि देखी गई है। पिछले वर्ष जहां यह नुकसान 2,623 करोड़ रुपये था, वहीं इस वर्ष यह आंकड़ा 21,367 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

RTGS और NEFT होंगे और सुरक्षित

डिजिटल लेनदेन में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले माध्यमों में RTGS (रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) और NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) शामिल हैं। RBI ने इन माध्यमों को और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में कदम उठाने की घोषणा की है। बैंकिंग संस्थानों को इन लेनदेन प्रक्रियाओं में सुरक्षा मानकों को उन्नत करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं को रोका जा सके।

ग्राहकों की सुरक्षा सर्वोपरि

RBI ने अपनी रिपोर्ट में यह भी सुनिश्चित किया है कि ग्राहकों की सुरक्षा और विश्वास को बनाए रखना प्राथमिकता है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को ग्राहकों के डेटा और फंड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त प्रोटोकॉल अपनाने चाहिए। इसके साथ ही, ग्राहकों को भी अपने लेनदेन के दौरान सतर्क रहने और संभावित धोखाधड़ी से बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया जाएगा।

सतर्कता और निगरानी पर जोर

RBI ने बैंकों को धोखाधड़ी की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है। साथ ही, वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करने पर भी जोर दिया गया है। साइबर सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए विशेषज्ञ समितियों का गठन किया जाएगा, जो नई चुनौतियों का समाधान निकालेंगी।

ग्राहकों को सावधानी बरतने की सलाह

RBI ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे ऑनलाइन लेनदेन के दौरान सावधानी बरतें और किसी भी अनजान लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें। साथ ही, अपने बैंक खाते की जानकारी किसी के साथ साझा न करें और अगर किसी लेनदेन में गड़बड़ी हो, तो तुरंत बैंक को सूचित करें।

RBI की यह कदम और प्रभाव

RBI की यह पहल डिजिटल लेनदेन के प्रति ग्राहकों का भरोसा बढ़ाने में मदद करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इन उपायों से न केवल साइबर धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी, बल्कि वित्तीय प्रणाली की समग्र सुरक्षा भी मजबूत होगी।

Updated on:
31 Dec 2024 11:22 am
Published on:
31 Dec 2024 10:48 am
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