Career Courses In Film Making: विजुअल इफेक्ट्स हो या सिनेमेटोग्राफी, इन 5 कोर्सेज की मदद से फिल्म की दुनिया में पा सकते हैं एंट्री। देखें पूरी लिस्ट-
Career Courses In Filmmaking: हमारे बीच कई ऐसे लोग हैं जो बचपन में फिल्म में जाने का सपना देखते थे। वहीं कई लोग बड़े होने के बाद भी यही सपना देख रहे होते हैं कि उन्हें फिल्म की दुनिया में एंट्री मिल जाए। लेकिन ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता है कि फिल्म में सिर्फ ऑन स्क्रीन काम ही नहीं होता है, जहां आप खुद को एक्सपलोर कर सकते हैं बल्कि कई ऐसे काम होते हैं जिनके बारे में लोगों को कम ही आईडिया होता है। आज हम आपको ऐसे ही 5 डिप्लोमा कोर्सेज के बारे में बताएंगे, जिन्हें करने के बाद आप इंडस्ट्री में अपनी जगह भी बना पाएंगे और हर महीने लाखों की कमाई भी होगी।
यह फिल्मी दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। सिनेमेटोग्राफर को डीओपी (Director Of Photography) भी कहा जाता है। इनका काम होता कैमरा और लाइटिंग की बारीक टेक्निक्स को समझ कर उसे मैनेज करना। सिनेमेटोग्राफी में एक साल का डिप्लोमा कोर्स होता है। हालांकि, ये थोड़ा महंगा कोर्स है। लेकिन अगर आप किसी सरकारी कॉलेज से सिनेमेटोग्राफी का कोर्स करते हैं तो आपको कम फीस पड़ेगी।
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क्या आपने इससे पहले सेट डिजाइनिंग का नाम सुना है। ये काम सुनने में जितना मजेदार है, उतना ही करने में भी। लेकिन इस कोर्स को सिर्फ ऐसे लोगों को करना चाहिए, जिनके अंदर थोड़ी क्रिएटिविटी हो। सेट डिजाइनिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जिमसें सारा खेल आर्ट और क्रिएटिविटी का है। फिल्मों से सेट डिजाइनर की जरूरत तब ज्यादा पड़ती है, जब शूटिंग स्टूडियो में हो रही हो। सेट डिजाइनिंग में एक साल का डिप्लोमा कोर्स भी होता है और 6 महीना का सर्टिफिकेट कोर्स भी। ज्यादातर मीडिया स्टडीज की पढ़ाई ऑफर करने वाले संस्थान ये कोर्स कराते हैं।
फिल्म बनाने में वीडियो एडिटर (Video Editor) की अहम भूमिका होती है। फिल्म कई टुकड़ों में शूट होती है। अंत में इसे एक पिक्चर का रूप दिया जाता है। वीडियो एडिटिंग में डिप्लोमा की बात करें तो यह 6 महीने से 3 महीने तक का होता है। इसकी फीस भी बेहद कम होती है, लेकिन आज के दौर में वीडियो एडिटर की डिमांड बहुत ज्यादा है।
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फिल्मों में विजुअल इफेक्ट्स (VFX) की मांग हाल के सालों में बढ़ी है। बढ़ते मांग के कारण युवा भी इस तरफ अधिक आकर्षित हो रहे हैं। आज ज्यादातर फिल्मों में वीएफक्स का ही इस्तेमाल होता है। रा-वन, रोबोट, बाहुबली ये सभी फिल्में वीएफएक्स के दम पर ही बनी हैं। इस फील्ड में करियर बनाने के लिए आपको 12वीं के बाद ही एक साल या 6 महीने का डिप्लोमा कोर्स करना होगा।
ऑडियो एडिटिंग के बारे में कम ही लोग जानते हैं। देश में कुछ चुनिंदा संस्थान ही हैं, जो इस कोर्स को कराते हैं। हालांकि, ऑडियो एडिटिंग में पैसा बहुत है। फिल्मों में आप जो आवाजें सुनते हैं, चाहे वो प्लेन के उड़ने की हो या फिर गोली चलने की, यह सब कुछ ऑडियो एडिटर ही मैनेज करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि फिल्म बनते समय एक भी डॉयलॉग नहीं रिकॉर्ड किया जाता, यह बाद में डब किया जाता है। अगर आप ऑडियो एडिटर बनना चाहते हैं तो 6 महीने या एक साल का कोर्स कर सकते हैं।