ग्रामीण अंचलों में वोल्टेज के उतार-चढ़ाव और बार-बार होने वाली ट्रिपिंग की परेशानी भी काफी हद तक समाप्त हो गई है। इससे किसानों की उत्पादकता बढऩे और सिंचाई कार्यों में सुविधा मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
जिले के ग्रामीण अंचलों में लंबे समय से बिजली की समस्या किसानों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई थी, लेकिन अब स्थिति में सुधार होने लगा है। खजुराहो डिवीजन में गौरिहार और बमीठा क्षेत्र के ग्रामीणों को बिजली की सुगम आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 5 हजार केवीए क्षमता के दो नए विद्युत सब स्टेशन बनकर तैयार हो गए हैं।
गौरिहार क्षेत्र के पहरा गांव में बने सब स्टेशन से लगभग 2700 किसानों को और बमीठा क्षेत्र के रनगुवां गांव में बने सब स्टेशन से 3500 किसानों को विद्युत आपूर्ति में राहत मिल रही है। इन दोनों सब स्टेशनों के शुरू होने से अब ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कमी, कम वोल्टेज और बार-बार फाल्ट की समस्या काफी हद तक समाप्त हो गई है। इससे किसानों को सिंचाई में सुविधा मिली है और ट्रांसफॉर्मरों पर पडऩे वाला अतिरिक्त लोड भी कम हुआ है।
खजुराहो डिवीजन के डीई रामनिवास सिंह गुर्जर ने बताया कि खजुराहो क्षेत्र में आगे भी दो और विद्युत सब स्टेशन बनाए जाने की अनुमति दी गई है। बागेश्वर धाम गढ़ा और गौरिहार क्षेत्र के पठा दौनी गांव में 5-5 हजार केवीए क्षमता के दो सब स्टेशन बनाए जाएंगे। गढ़ा गांव का सब स्टेशन 3.25 करोड़ और पठा दौनी का सब स्टेशन 3.20 करोड़ की लागत से बनेगा। इन सब स्टेशनों के निर्माण से आसपास के ग्रामीण इलाकों को स्थायी और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
डीई रामनिवास सिंह ने बताया कि इन सब स्टेशनों के शुरू होने से किसानों को अलग-अलग फीडर से 10 से 12 घंटे निर्बाध बिजली उपलब्ध हो रही है। इससे खेतों में सिंचाई और कृषि कार्यों में तेजी आई है। साथ ही बागेश्वर धाम आने वाले श्रद्धालुओं को भी विद्युत समस्या से निजात मिलेगी। इन दोनों नए सब स्टेशनों के निर्माण और संचालन से न केवल बिजली आपूर्ति स्थिर हुई है, बल्कि ग्रामीण अंचलों में वोल्टेज के उतार-चढ़ाव और बार-बार होने वाली ट्रिपिंग की परेशानी भी काफी हद तक समाप्त हो गई है। इससे किसानों की उत्पादकता बढऩे और सिंचाई कार्यों में सुविधा मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
छोटे और बड़े किसानों का कहना है कि पहले सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिलने के कारण खेतों में पानी पहुंचाने में समस्या आती थी, लेकिन अब दोनों नए सब स्टेशनों के संचालन से किसानों के खेतों में पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से हो रही है और कृषि कार्य में गति आई है। इस परियोजना से यह भी सुनिश्चित हुआ है कि ट्रांसफॉर्मरों पर अतिरिक्त लोड न पड़े और बिजली आपूर्ति स्थिर बनी रहे। इन सब स्टेशनों के निर्माण के बाद खजुराहो डिवीजन के ग्रामीण अंचलों में बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार हुआ है और आने वाले समय में योजना के तहत और सब स्टेशनों के निर्माण से क्षेत्र में बिजली की समस्याओं का स्थायी समाधान मिलने की संभावना है।