Indian Air Force Jaguar Crash In Rajasthan: जिस जगह प्लेन क्रैश हुआ, वहां बड़े इलाके में फाइटर जेट का मलबा बिखर गया। यह हादसा बुधवार को दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर हुआ। वहां विमान के मलबे के पास से बुरी तरह क्षत-विक्षत दोनों पायलटों के शवों के टुकड़े मिले।
Rajasthan News: चूरू जिले की रतनगढ़ तहसील के गांव भाणूदा के पास भारतीय वायु सेना के क्रैश हुए जगुआर फाइटर जेट के दो जवान पायलट वीरगति को प्राप्त हो गए। जिनके शवों का पोस्टमार्टम रात करीब 12 बजे जिला कलक्टर के आदेश से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मेडिकल बोर्ड से करवाया। पोस्टमार्टम के बाद शवों को भारतीय वायु सेना के अधिकारियों को सौंप दिए गए। शहीद स्क्वॉड्रन लीडर लोकेंद्रसिंह सिंधु 44 हरियाणा के रोहतक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिराज (23), पाली जिले के खिंवादी गांव के निवासी थे।
जिस जगह प्लेन क्रैश हुआ, वहां बड़े इलाके में फाइटर जेट का मलबा बिखर गया। यह हादसा बुधवार को दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर हुआ। वहां विमान के मलबे के पास से बुरी तरह क्षत-विक्षत दोनों पायलटों के शवों के टुकड़े मिले।
बताया जा रहा है कि हादसे से पहले तकनीकी कारणों से पायलट इजेक्ट नहीं कर पाए। भारतीय वायु सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित कर रखी है जो जांच करने में जुटी हुई हैं। मौके पर पुलिस जाप्ता तैनात है तथा एयर फोर्स के लगभग 12 से अधिक अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं।
चिकित्सा प्रभारी अधिकारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि पायलट्स के शवों का भी एयर फोर्स के अधिकारी डीएनए परीक्षण करवाएंगे जिसकी जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव ने पुष्टि की।
वायुसेना के जगुआर जेट क्रैश में पाली के फ्लाइट लेटिनेंट ऋषिराज सिंह देवड़ा शहीद हुए हैं। गुरुवार को उनकी पार्थिव देह पाली जिला मुख्यालय से करीब 70 किमी दूर सुमेरपुर के खिंवादी गांव पहुंचाई गई। वहां सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। परिजनों को यकीन नहीं हो रहा कि उनका लाडला अब इस दुनिया में नहीं रहा। परिवार वाले ऋषिराज की शादी के लिए लड़की देख रहे थे। शहीद ऋषिराज सिंह के पिता जसवंत सिंह होटल व्यवसायी हैं, माता भंवर कंवर गृहिणी हैं। छोटा भाई युवराज सिंह जोधपुर के डीपीएस स्कूल में 12वीं की पढ़ाई कर रहा है। जानकारी के मुताबिक ऋषिराज सिंह की पार्थिव देह जोधपुर से गुरुवार सुबह करीब 11 बजे डॉक्टरों की जांच के बाद रवाना की गई। जोधपुर, रोहट, पाली, सुमेरपुर होते हुए खिंवादी गांव पहुंची।