एक रिपोर्ट के मुताबिक फुल-डूप्लेक्स कम्यूनिकेशन में ट्रांसमिटर और रिसिवर एक ही समय एक ही फ्रिक्वेंसी पर काम करते हैं। इससे स्मार्टफोन और टैबलेट्स जैसे डिवाइसेज में थोड़ी दिक्कत होती है। रिसर्चर्स की इस टीम ने सर्कुलेटर पर ज्यादा फोकस किया है। सर्कुलेटर वह हिस्सा होता है, जिसके जरिए फुल-ड्यूप्लेक्स कम्यूनिकेशन होता है। यानी इसमें ट्रांसमिटर और रिसिवर एक ही ऐंटेना इस्तेमाल करते हैं। इस काम को करने के लिए सर्कुलेटर को लॉरेंट्ज रेसप्रॉसिटी तोडऩी पड़ती है। इलेक्ट्रोमैग्नैटिक वेव्स सामान्यत: रिवर्स और फॉरवर्ड डारयेक्शन में एक ही तरह से ट्रैवल करती हैं। इसे ही लॉरेंट्ज रेसप्रॉसिटी कहा जाता है।