देहरादून

सीएम की IAS अफसरों को दो टूक : फाइलें अटकीं तो कुर्सियां डोलेंगी, हर फैसला बिजली की रफ्तार से हो

Strict Warning: सीएम ने राज्य के आईएएस अफसरों को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि फाइलों में किसी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अफसरों के निर्णय लक्ष्य आधारित होने चाहिए। आईएएस अफसरों की अनौपचारिक बैठक में सीएम ने ये निर्देश दिए।

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Nov 22, 2025
एओसी सम्मेलन के दौरान सीएम धामी ने शनिवार को आईएएस अफसरों से भेंट की। फोटो सोर्स सूचना विभाग

Strict Warning : एओसी सम्मेलन में पहुंचे आईएएस अफसरों शनिवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जरूरी दिशा निर्देश दिए। सम्मेलन के दौरान उन्होंने आईएएस के साथ बैठक भी की। बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन सहित सभी वरिष्ठ और युवा आईएएस अधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक वर्तमान में चल रहे प्रशासनिक अधिकारी सम्मेलन (एओसी) के संबंध में थी। बैठक में सीएम ने अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह किसी औपचारिक संबोधन का अवसर नहीं है, बल्कि उनकी प्रशासन के लिए संवेदनशील और आत्मीय भावनाओं को साझा करने का अवसर है।सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड ने अपनी 25 वर्ष की यात्रा में अनेक चुनौतियों का सामना किया है और इन उपलब्धियों के पीछे राज्य के प्रशासनिक तंत्र की कड़ी मेहनत, निष्ठा और दूरदर्शिता का महत्वपूर्ण योगदान है। सीएम ने कहा कि ये समय रुकने का नहीं बल्कि आगे बढ़ने का है। ये समय अधिक गति और दृढ़ता व संकल्प के साथ आगे बढ़ने का है। कहा कि आने वाले पांच साल उत्तराखंड के लिए निर्णायक होंगे और हमें राज्य को ऐसे मोड़ पर ले जाना है, जहां हर नागरिक महसूस करे कि राज्य सकारात्मक परिवर्तन से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को तेजी और पारदर्शिता के साथ काम करना होगा। हर योजना और निर्णय लक्ष्य आधारित होने चाहिए। व्यवस्था ऐसी बने कि फाइलों का निस्तारण समयबद्ध हो। योजनाओं का प्रभाव जमीनी स्तर पर तत्काल दिखाई दे, हर प्रक्रिया में जवाबदेही स्पष्ट हो।

ये नौकरी नहीं, समाज सेवा का दायित्व

सीएम धामी ने अधिकारियों को उनकी मूल भावना का स्मरण कराते हुए कहा कि उन्होंने यह सेवा धन, पद या सुरक्षा के लिए नहीं चुनी होगी, बल्कि राष्ट्र व समाज के लिए कुछ करने की भावना से चुनी होगी। कहा कि आपके निर्णय सीधे लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं। लिहाजा संवेदनशीलता, दूरदृष्टि और तथ्यपरक सोच अत्यंत जरूरी है। कहा कि कभी-कभी जनता की शिकायतें प्रशासन की छवि को आहत करती हैं। लालफीताशाही, शिकायत न सुने जाने और फाइलों में अनावश्यक देरी जैसी बातें व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जनता के विश्वास को सर्वोपरि रखना चाहिए।

Updated on:
22 Nov 2025 05:28 pm
Published on:
22 Nov 2025 05:27 pm
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