देवरिया में दसवीं क्लास में टॉप करने पर स्कूल में सम्मानित होने के बाद बेटी और मां के घर लौट रही थी। तभी सड़क पार करते समय एक तेज रफ्तार ट्रक ने मां को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में मां की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आरोपी चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जिले के सोनूघाट के कोतवाली क्षेत्र के सनबीम स्कूल सोंदा के निकट सोमवार को अनियंत्रित डीसीएम की चपेट में आने से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई। डीसीएम चालक नशे में धुत था। इस हादसे के बाद डीसीएम सड़क की पटरी से नीचे उतर गया।
सूचना पर पहुंचे सीओ संजय कुमार रेड्डी व कोतवाल वेद प्रकाश शर्मा ने चालक को हिरासत में लेकर मेडिकल जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया। वहीं महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। इस घटना के बाद महिला की दोनों बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल था।
लार थाना क्षेत्र के मठ अमौना निवासी प्रमोद गौड़ कोतवाली क्षेत्र के सोंदा स्थित भगवतीनगर में मकान बनवाकर पत्नी किरन देवी के साथ करीब दो वर्षों से निवास करते थे। प्रमोद गौड़ वर्तमान में आर्मी में फिरोजपुर में तैनात हैं। उनकी पत्नी किरन देवी अपने एक बेटे प्रीतम (18) और बेटी शीतल कुमारी (15) के साथ सोंदा स्थित भगवती नगर मुहल्ले में निजी मकान में रहती थीं। शीतल कुमारी एक निजी विद्यालय में दसवीं की छात्रा थी, सोमवार की दोपहर 2 बजे उसका रिजल्ट निकला था। बेटी को विद्यालय में पहुंचा कर वह आवास पर वापस लौट रही थी।
उसी समय सलेमपुर की ओर से आ रही अनियंत्रित ट्रक की चपेट में आ गई। जिससे मौके पर ही मौत हो गई। राहगीरों की मदद से आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। इधर, बेटा प्रीतम कक्षा आठवीं और बेटी शीतल दसवीं की छात्रा है। मां की मौत बाद दोनों का रो-रोकर बुरा हाल था। उनके करुण क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन हो गया था।
मेडिकल कॉलेज पर शुभचिंतकों की भीड़ एकत्रित हो गई थी। मृतका अपनी बेटी शीतल को आईएएस बनाना चाहती थी, उसकी यह इच्छा अधूरी रह गई। काल बनकर पीछे से आए डीसीएम ने अपनी चपेट में ले लिया। सूचना पर पहुंचे सीओ संजय कुमार रेड्डी व शहर कोतवाल वेदप्रकाश शर्मा दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर ट्रक चालक और ट्रक को अपने कब्जे में ले लिया। महिला किरन की मौत के बाद परिजनों का रो-रो का बुरा हाल था।