धमतरी

घड़ी बनाने वाले को 21 हजार, मैकेनिक लाने पर 5 हजार का ईनाम घोषित, मेयर के ऐलान से मची खलबली

CG News: पिछले डेढ़ वर्ष से बंद घड़ी को सुधरवाने के लिए अनोखी घोषणा हुई है। पहली बार मैकेनिक ढूंढने वाले और घड़ी बनाने वाले को अलग से ईनाम देने की घोषणा हुई है…

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Nov 20, 2025
धमतरी शहर का नगर घड़ी चौक ( Photo - Patrika )

CG News: शहर के हृदय स्थल नगर घड़ी चौक पर बंद घड़ी को सुधरवाने के​ लिए मेयर ने आनोखी घोषणा की है। घड़ी को बनाने वाले को 21 हजार और मैकेनिक लाने पर 5 हजार रुपए का ईनाम देने का ऐलान हुआ है। ( CG News ) इस फैसले से शहर में खलबली मच गई। दूसरी ओर इसे लेकर अब सियासत भी शुरू हो गया है। बता दें कि घड़ी लंबे समय से बंद है।

CG News: ईनाम की राशि अलग से दी जाएगी

जानकारी के अनुसार वर्ष-2009 में नगर घड़ी की स्थापना हुई। यह घड़ी पिछले डेढ़ वर्ष से बंद है। घड़ी को लेकर फिर से एक बार खींचतान शुरू हो गई है। नगर निगम के महापौर रामू रोहरा ने घड़ी सुधरवाने को लेकर अनोखी घोषणा की है। निगम के इतिहास में पहली बार मैकेनिक ढूंढने वाले और घड़ी बनाने वाले को अलग से ईनाम देने की घोषणा हुई है।

मेयर बोले- शहर की जनता घड़ी को चलते हुए देखना चाहती

महापौर रामू रोहरा ने कहा कि शहर की जनता घड़ी को चलते हुए देखना चाहती है। हम जनता के साथ है। परेशानी यह है कि नगर घड़ी को बनाने मैकेनिक नहीं मिल रहे। नगर घड़ी का सुधार हो इसलिए मेरी ओर से मैकेनिक ढूंढने वाले को 21 हजार रूपए का पुरस्कार और मैकेनिक लाने वाले को 5 हजार रूपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा जो भी संस्था या व्यक्ति नगर घड़ी को सुधारेगा उसे उसका भुगतान अलग से किया जाएगा।

35 लाख की लागत से हुआ है निर्माण

वर्ष-2009 में नगर घड़ी का निर्माण पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ताराचंद हिन्दूजा के कार्यकाल में हुआ था। 35 लाख की लागत से नगर घड़ी का निर्माण हुआ। घड़ी लगने के बाद 8-10 वर्षों तक ही नगर घड़ी ने सही समय बताया। पूर्व में भी एक बार घड़ी खराब हुई थी तब रायपुर से मैकेनिक बुलाकर सुधार कराया गया था।

Updated on:
20 Nov 2025 12:42 pm
Published on:
20 Nov 2025 12:41 pm
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