Benefits Of Conch: घर में शंख रखने और इसका नियमित उपयोग करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
Benefits Of Conch: हिंदू धर्म में शंख का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। इसे पवित्रता, समृद्धि और शांति का प्रतीक भी माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि शंख माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। आइए जानते हैं माता लक्ष्मी से शंख का क्या संबंध है?
धन की देवीमाता लक्ष्मी शंख का गहरा जुड़ाव है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों में से शंख भी एक महत्वपूर्ण रत्न है। इसे मां लक्ष्मी के साथ जोड़ा जाता है। क्योंकि दोनों का जन्म समुद्र से हुआ है। वहीं शंख की ध्वनि को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। मान्यता है कि जहां शंख की ध्वनि नियमित रुप से गूंजती है, वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है।
घर में शंख रखने के फायदे (Benefits of keeping conch shells at home)
सकारात्मक ऊर्जा का संचार: शंख के बजाने पर निकलने वाली ध्वनि घर के वातावरण में फैली नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करती है। साथ ही इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर के हर कोने को शुद्ध करता है।
धन और समृद्धि का आगमन: धार्मिक मान्यता है कि घर में शंख रखने और इसका नियमित पूजन करने से धन-संपत्ति बढ़ती है। मां लक्ष्मी की कृपा से घर में आर्थिक संकट दूर होता है।
स्वास्थ्य लाभ: शंख में जल भरकर उसका छिड़काव करने से वातावरण शुद्ध होता है। शंख का जल पवित्र माना जाता है और इसे औषधीय गुणों से युक्त कहा गया है। यह त्वचा रोग और अन्य शारीरिक समस्याओं में लाभदायक होता है।
वास्तु दोष: शंख को वास्तु दोष को नष्ट करता है। इसे सही दिशा में घर में रखने से सुख-समृद्धि और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
आध्यात्मिक महत्व: शंख की ध्वनि से मन और मस्तिष्क शांत होते हैं। यह ध्यान और पूजा के समय मानसिक एकाग्रता बढ़ाने में सहायक है।
घर में सफेद, दक्षिणावर्ती या गौमुखी शंख रखना शुभ माना जाता है।
पूजा स्थल में शंख को रखें और इसे नियमित रूप से साफ करें।
शंख को जल और हल्दी के साथ पवित्र करें और इसे मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें।
शंख से जुड़े कुछ नियम
शंख को हमेशा पवित्र और शुद्ध स्थान पर रखें।
इसे पूजा के समय इस्तेमाल करें और बाद में सुरक्षित स्थान पर रखें।
रात में शंख बजाने से बचें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
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