Chaitra Navratri Mata Ki Sawari: साल की दूसरी नवरात्रि 2025 इस साल 30 मार्च से शुरू हो रही है, नवरात्रि में माता की सवारी का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि माता की सवारी के अनुसार ही आने वाले दिन में फल मिलता है। चैत्र नवरात्रि 2025 में माता रानी की सवारी हाथी है तो आइये जानते हैं इसका क्या फल होगा (Maa Durga Ka Aagman Aur Prasthan Result)।
Maa Durga Ka Aagman Aur Prasthan Result: चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है, इस बार दुर्गा मां किस पर सवार होकर आ रही हैं और मां दुर्गा किस चीज पर सवार होकर जाएंगी। साथ ही मां के हाथी पर आगमन का फल क्या होगा, जानें अजमेर की ज्योतिषी नीतिका शर्मा से (Chaitra Navratri Mata Ki Sawari Ka Fal)
Chaitra Navratri Mata Ki Sawari Ka Fal Jyotish: अजमेर की ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार चैत्र नवरात्रि 2025 का आरंभ रविवार से हो रहा है, यानी कि इस साल मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर धरती पर आएंगी।
मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है। हाथी को सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। माता जब हाथी पर सवार होकर आती हैं तो यह किसानों के लिए एक बहुत ही शुभ संकेत होता है। इसका अर्थ है कि इस साल अच्छी फसल होगी और बारिश की भी कमी नहीं होगी।
धार्मिक मान्यता है कि ऐसा होने लोगों के धन में वृद्धि होती है और देश की अर्थ व्यवस्था में सुधार होता है। शास्त्रों में मां के इस रूप को भक्तों की समस्त इच्छाएं पूर्ण करने वाला माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि 2025 में माता रानी के आगमन की सवारी हाथी तो है ही, प्रस्थान की सवारी भी हाथी ही है। ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार मां दुर्गा हाथी से आएंगी और सोमवार 7 अप्रैल को समापन होने पर हाथी से ही प्रस्थान करेंगी।
ये भी पढ़ेंः
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार 30 मार्च को चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रहा है। उस दिन इंद्र योग और रेवती नक्षत्र है।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग शाम को 4:35 मिनट से अगले दिन सुबह 06:12 मिनट तक रहेगा। इस योग में आप जो भी कार्य करेंगे। वह सफल सिद्ध होंगे। यह एक शुभ योग है। खास बात यह है कि महापर्व के दौरान चार दिन रवियोग तथा तीन दिन सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग रहेगा
चैत्र नवरात्रि से ही हिंदू नववर्ष (chaitra shukla pratipada 2025) की शुरुआत होती है। हिंदू कैलेंडर के नए वर्ष संवत 2082 की शुरुआत भी इसी समय होगी।
ये भी पढ़ेंः
हर साल 4 नवरात्रि पड़ती हैं, इसमें से 2 गुप्त नवरात्रि होती हैं और दो प्रत्यक्ष चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रत्यक्ष नवरात्रि होती है, जिसे गृहस्थों समेत सभी लोग सेलिब्रेट करते हैं। जबकि गुप्त नवरात्रि में अक्सर तांत्रिक और अन्य साधक मंत्र साधना करते हैं। इस साल की पहली गुप्त नवरात्रि यानी माघ नवरात्रि प्रयागराज कुंभ के दौरान संपन्न हो गई।