Mahabharat Secrets: दुर्योधन के कहने पर दुशासन से द्रौपदी का चीर हरण किया था। यह घटना कौरवों के अहंकार और अन्याय को दर्शाती है।
Mahabharat Secrets: महाभारत में द्रौपदी के चीर हरण का प्रसंग बड़ा प्रसिद्ध है। क्योंकि महाभारत के युद्ध की वजह यही घटना मानी जाती है। इसमें दुशाशन में द्रौपदी को निर्वस्त्र करने का प्रयास किया था। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी साड़ी बढ़ा कर मदद की। लेकिन क्या जानते हैं कि दुर्योधन नेद्रौपदी को अपनी जंघा पर सच में बैठाया था? आइए यहां जनते हैं इस रहस्यमयी घटना का पूरा सच।
महाभारत में जब पाड़व कौरवों से सब कुछ हार गए थे। तब उन्होंने द्रौपदी को भी दाव पर लगा दिया था। जिसमें पांडव द्रौपदी को भी हार गए थे। इसके बाद अहंकारी दुर्योधन के कहने पर दुशासन भरी सभा में द्रौपदी की साड़ी खींचने लगा था। धार्मिक मान्यता है कि महाभारत में द्रौपदी चीर हरण की घटना दुर्योधन ने पांडवों का अपमान करने के लिए की थी। अहंकारी दुर्योधन के कहने पर दुशासन भरी सभा में द्रौपदी की साड़ी खींचने लगा था। जब दुशासन द्रौपदी की साड़ी खींचते हार गया तो दुर्योधन ने पांडवों को लज्जित करने के लिए अपनी जंघा पर थपकी मारते हुए द्रौपदी कौ बैठने को कहा था।
कहा जाता है कि दुर्योधन की यह घिनौनी हरकत पांडवों के लिए प्रतीकात्मक अपमान था। उसका उद्देश्य भरी सभा में द्रौपदी का मान-मर्दन करना और पांडवों को चिढ़ाना था। क्योंकि दुर्योधन ने द्रौपदी को अपनी जंघा पर सच में बैठाया था। यह सीधे तौर पर कही प्रमाणित नहीं है। इसलिए माना जाता है कि दुर्योधन ने द्रौपदी और पांडवों को नीचा दिखाने के लिए ऐसी बातें बोली थीं।
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