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Anant Chaturdashi Vrat Katha: बप्पा को विदा करने से पहले ऐसे करें पूजा और आरती, जानें सही विधि

Ganesh Ji Ki Aarti: गणपति विसर्जन से पहले आरती करने की विशेष परंपरा है। जानें सही विधि, पूजा के नियम और गणेश जी की विदाई का महत्व। गणपति बप्पा को विदा करते समय क्या करें और क्या न करें।

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Aug 29, 2025
Ganesh Ji Ki Aarti (photo- freepik)

Anant Chaturdashi Vrat KathaAnd Vidhi: गणेश चतुर्थी का पर्व भक्ति, उल्लास और उत्साह से भरा होता है। दस दिनों तक घर-घर और पंडालों में गणपति बप्पा की स्थापना कर उनकी आराधना की जाती है। भक्तगण रोजाना पूजा, भजन और आरती के जरिए बप्पा को प्रसन्न करते हैं। लेकिन जब विसर्जन का समय आता है तो हर किसी का मन भावुक हो उठता है। मान्यता है कि बप्पा अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी कर वापस कैलाश जाते हैं। इसलिए विसर्जन से पहले गणपति की विशेष आरती और पूजन का महत्व और भी बढ़ जाता है।

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विसर्जन से पहले क्यों जरूरी है आरती?

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, आरती करने से वातावरण शुद्ध होता है और ईश्वर की दिव्य ऊर्जा भक्तों तक पहुंचती है। गणपति विसर्जन से पहले की जाने वाली आरती, भगवान गणेश के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है। इसमें हम बप्पा से आशीर्वाद मांगते हैं कि वे हमें बुद्धि, विवेक और सुख-समृद्धि प्रदान करें।

विसर्जन से पहले आरती की विधि

  • सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • गणपति की प्रतिमा के सामने दीपक और धूप प्रज्वलित करें।
  • मोदक, लड्डू या बप्पा की पसंदीदा मिठाई अर्पित करें।
  • परिवार और मित्रजन मिलकर सामूहिक रूप से गणेश जी की आरती करें।
  • आरती के दौरान घंटी बजाएं और “गणपति बप्पा मोरया” का जयघोष करें।
  • आरती के बाद पुष्प, अक्षत और सिंदूर अर्पित करें।
  • अंत में सभी भक्त गणपति को प्रणाम करें और उनसे विदाई की अनुमति लें।

गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti)

Ganesh Ji Ki Aarti (photo- patrika)

आरती के बाद जपे ये मंत्र

Ganesh Mantra (photo- patrika)

विदाई के समय भावनात्मक महत्व

विसर्जन केवल प्रतिमा को जल में प्रवाहित करना नहीं है, बल्कि यह हमारी भावनाओं को ईश्वर तक पहुंचाने का एक माध्यम है। भक्त मानते हैं कि बप्पा हर साल आते हैं और हमारे दुख-दर्द हरकर खुशियों का आशीर्वाद देकर जाते हैं। इसलिए आरती करते समय हृदय से प्रार्थना करें कि गणपति अगले साल फिर हमारे घर पधारें और जीवन में सुख-शांति का संचार करें।

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