Hindu Religious Trees: पेड़-पौधे केवल प्रकृति का ही हिस्सान नहीं हैं। बल्कि ये धार्मिक आस्था का भी प्रतीक हैं। क्योंकि मान्यता है कि इन में देवी-देवता वास करते हैं।
Hindu Religious Trees: सनातन धर्म में पेड़-पौधों के लेकर लोगों की विशेष आस्था है। धार्मिक मान्यता है कुछ विशेष पेड़-पौधों में देवी-देवता निवास करते हैं। इसको लेकर भक्त कई पेड़-पौधों की पूजा-अर्चना भी करते हैं। आइए जानते हैं किस वृक्ष में कौन से देवता वास करते हैं। इन पौधों के प्रति श्रद्धा और आदर केवल धार्मिक नहीं, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इन पेड़ों की पूजा करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का भाव भी जागृत होता है।
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। वहीं मान्यता है कि तुलसीदल के श्रीकृष्ण को भोग लगाना अधूरा होता है। तुलसी अर्पित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार साथ ही शुद्धता का प्रतीक मानी जाती है।
आंवला (Gooseberry)
धार्मिक मान्यता है कि आंवला का वृक्ष में भगवान विष्णु वास करते हैं। साथ ही यह स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। आंवला नवमी के दिन इस पौधे की विशेष रूप से पूजा की जाती है।
पीपल के वृक्ष में सभी देवताओं का निवास माना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण को पीपल की पत्तियां अर्पित करने से शुभफल की प्राप्ति होती है। नकारात्मक प्रभावों की समाप्ति होती है। साथ ही अन्य देवी-देवताओं का भी आशीर्वाद मिलता है।
केले के पौधे का पूजा-पाठ में विशेष स्थान है। क्योंकि यह भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। गुरुवार के दिन इसकी पूजा करने से समृद्धि और परिवार की उन्नति होती है।
कदंब के वृक्ष के फूल भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय माने जाते हैं। इन्हें अर्पित करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने कदंब के पेड़ के नीचे बांसुरी बजाई थी।
भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व है। माना जाता है कि बेलपत्र वृक्ष पर देवी लक्ष्मी और भगवान शिव दोनों का वास होता है।