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Kartik Purnima Vrat 2024: कब है कार्तिक पूर्णिमा, जानें व्रत का सही डेट, मुहूर्त, महत्व और इस दिन क्या करें

Kartik Purnima Vrat 2024 आप सभी कार्तिक पूर्णिमा का व्रत तो रखते ही होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कब है कार्तिक पूर्णिमा का व्रत और क्या है इस व्रत की सही डेट महत्व और मुहूर्त आइए जानते हैं..

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Nov 09, 2024
Kartik Purnima Vrat 2024

Kartik Purnima Vrat 2024: वैसे तो हर महीने आने वाली पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है, लेकिन कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा का अपना अलग ही महत्व है। मान्यता है कि इस दिन स्नान और दान करने से जीवन में खुशहाली आती है। आइये जानते हैं कब है कार्तिक पूणिमा का व्रत और इसका महत्व क्या है...

कार्तिक पूर्णिमा व्रत (Kartik Purnima Vrat)

कार्तिक मास हिंदू कैलेंडर का आठवां माह है। इस दिन पूर्ण चंद्र नजर आता है, इसलिए इसे कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। वैष्णव सम्प्रदाय में इस माह को दामोदर माह के रूप में जाना जाता है, जो भगवान कृष्ण के अनेक नामों में से एक है। हिंदू धर्म में कार्तिक महीने को बेहद पवित्र महीना माना जाता है। इस दिन लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं और व्रत दान आदि करते हैं। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने का विशेष महत्व होता है। आइये जानते हैं कब है कार्तिक पूर्णिमा (Kab Hai Kartik Purnima) और चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय

कार्तिक पूर्णिमा व्रत तिथि (Kartik Purnima Vrat Date)

कार्तिक पूर्णिमा तिथि का आरंभ शुक्रवार 15 नवंबर को 6 बजकर 19 मिनट से हो रहा है और इसका समापन 16 नवंबर को 2 बजकर 58 मिनट पर होगा।
पूर्णिमा उपवास के दिन चंद्रोदयः शाम 05:13 बजे

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व (Kartik Purnima Mahatv)_

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व कई कथाओं में मिलता है। एक कथा के अनुसार भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध इस दिन किया था। इसलिए इस पूर्णिमा को त्रिपुरासुर पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। वहीं दैत्य के वध के बाद से देवताओं ने दिवाली मनाई। इसलिए इस दिन देव दीपावली मनाने का भी विधान है। मान्यता है कि इससे देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। वाराणसी में इसका भव्य आयोजन होता है।

कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें (What to do on Kartik Purnima)

1. मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु मत्स्य रूप में जल में विराजमान रहते हैं। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा पर जल में दीप प्रवाहित करने यानी दीपदान करने की परंपरा है।

2. कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करें, गरीब ब्राह्मणों और दीन दुखियों को भोजन कराएं, गर्म वस्त्र दान करें।

3. भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा करें, व्रत रखें।

4. कार्तिक पूर्णिमा के एक दिन पहले वैकुंठ चतुर्दशी का पूजन करें। मान्यता है कि कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भगवान विष्णु ने भगवान शिव का पूजन किया था और शिव जी को सहस्र कमल पुष्प भी अर्पित किए थे। इस अवसर पर शिव मंदिरों में विशेष पूजन में शामिल हों।

डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Published on:
09 Nov 2024 01:41 pm
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