Vibhishan Love Story: रामभक्त विभीषण की प्रेम कहनी को सफल बनाने में हनुमान जी न सहायता की थी। जिसके बाद उनके घर एक पुत्री ने जन्म लिया था।
Vibhishan Love Story: विभीषण रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक थे, जो लंका के राजा रावण के भाई थे। विभीषण को अपने भाई रावण का साथ छोड़कर भगवान राम का साथ देने के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि राम भक्त विभीषण की प्रेम कहानी भी थी? अगर नहीं पता तो यहां जानिए विभीषण से जुड़ी रोचक कहानी।
धार्मिक कथाओं के अनुसार विभीषण की एक प्रेमिका भी थी, जो यक्षराज की पुत्री थी। जिसको सरमा के नाम से जाना जाता था। मान्यता है कि यक्षराज की पुत्री सरमा विभीषण से प्रेम पागल थी। लेकिन विभीषण भक्ति भाव में अधिक लीन रहते थे। इस लिए उन्होंने सरमा की तरफ अधिक ध्यान नहीं दिया।
विभीषण के प्रति सरमा का इतना प्रेम बढ़ गया कि वह उनसे विवाह करना चाहती थी। लेकिन उनके पिता यक्षराज सरमा का विवाह विभीषण से नहीं करना चाहते थे। क्योंकि विभीषण राक्षस कुल से आते थे। यक्षराज अपनी पुत्री सरमा का विवाह गंधर्व से करना चाहते थे, जो कि सरमा को पंसद नहीं था।
जब सरमा को अपने पिता यक्षराज की मन इच्छा का पता चला तो वह बहुत दुखी हुई। जिसके बाद उन्होंने विभीषण का एक चित्र बनाया और उसी से प्रेम करने लगी। धार्मिक मान्यता है कि जब हनुमान जी को विभीषण के प्रति सरमा के अगाध प्रेम और अटूट निष्ठा के बारे पता चला तो उन्होंने दोनों का विवाह कराया। दोनों के विवाह के कुछ समय बाद सरमा ने एक पुत्री को जन्म दिया। जिसको राक्षसी त्रिजटा के नाम से जाना जाता है।
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