धर्म-कर्म

Manmohan Singh Funeral: पंचतत्व में आज विलीन होंगे मनमोहन सिंह, जानिए सिख धर्म में कैसे होता है अंतिम संस्कार

Manmohan Singh Funeral: 28 दिसंबर यानि आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पंचतत्व में विलीन होंगे। यहां जानिए सिख धर्म में कैसे किया जाता है अंतिम संस्कार...

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Manmohan Singh Funeral

Manmohan Singh Funeral: देश के पूर्व प्रधाममंत्री मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर दिन गुरुवार को हुआ। जिनकी उम्र 92 साल थी। उनका अंतिम संस्कार 28 दिसंबर दिन शनिवार यानि आज दिल्ली के निगमबोध घाट पर सुबह के 11 बजकर 45 मिनट पर होगा। पूर्व पीएम का अंतिम संस्कार सिख समुदाय की परंपराओं के साथ किया जाएगा। आइए जानते हैं सिख समुदाय में कैसे किया जाता है अंतिम संस्कार?

सिख समुदाय में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया

सिख धर्म में अंतिम संस्कार को अंतिम अरदास भी कहा जाता है। यह एक पवित्र प्रक्रिया है। जिसमें मृतक की आत्मा की शांति और परमात्मा से मिलन की कामना की जाती है। सिख धर्म में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया हिंदू धर्म से मिलीजुली होती हैं।

कीर्तन और अरदास: अंतिम संस्कार से पहले गुरुद्वारे या घर पर कीर्तन गुरबाणी का गायन किया जाता है। इसके साथ ही अरदास की जाती है। जिसमें ईश्वर से मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।

दाह संस्कार: सिख धर्म में आमतौर पर शव को जलाया जाता है। इसे दाह संस्कार कहा जाता है। इस दौरान वाहेगुरु का जाप और गुरबाणी का पाठ किया जाता है। परिवार के सदस्य और नजदीकी लोग अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं।


मृत शरीर का स्नान: मृतक के शरीर को सम्मानपूर्वक पवित्र जल से स्नान कराया जाता है। इसके बाद नए सफेद वस्त्र पहनाए जाते हैं। साथ ही सिख धर्म की पांच प्रमुख वस्तुएं भी मृतक के साथ रखी जाती हैं। जिसमें कटार, कंघा, कृपाण, कड़ा और केश शामिल हैं। इसके बाद मृतक के घर वाले, रिश्तेदार और करीबी लोग बहेगुरु का नाम लेकर अर्थी को उठाते हैं और श्मशान घाट लेकर जाते हैं। इसके बाद मृतक का सबसे करीबी व्यक्ति मुखाग्नि देता है।

अस्थियां और विसर्जन:दाह संस्कार के बाद अस्थियों को एकत्र किया जाता है और उन्हें किसी पवित्र नदी में प्रवाहित किया जाता है।

अंतिम अरदास: अंतिम संस्कार के बाद, आमतौर पर 10 दिनों के भीतर, एक सभा का आयोजन किया जाता है जिसे "भोग" कहा जाता है। इसमें "गुरु ग्रंथ साहिब" का अखंड पाठ (48 घंटे का पाठ) किया जाता है। सभी लोग मिलकर मृतक की आत्मा की शांति के लिए अरदास करते हैं और लंगर का आयोजन होता है।

सिख धर्म की मान्यता

सिख धर्म के लोग पुनर्जन्म और कर्म सिद्धातों को मानते हैं। मृत्यु को आत्मा की यात्रा का एक चरण माना जाता है, जो परमात्मा से मिलने की ओर अग्रसर है। दुःख मनाने के बजाय सिख धर्म में ईश्वर की मर्जी को स्वीकार करते हुए शांति और प्रार्थना का महत्व दिया जाता है।

Published on:
28 Dec 2024 10:01 am
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