rajniti ke liye shubh grah kaun sa hai: राजनीति सत्ता का स्रोत है, इसलिए इसमें हर कोई किस्मत आजमाना चाहता है। लेकिन इसके लिए कुंडली के ग्रहों का शुभ होना जरूरी है, तभी व्यक्ति को सफलता मिलती है, जबकि अशुभ ग्रहों के कारण व्यक्ति कानूनी विवाद का शिकार हो सकता है। उसे जेल तक जाना पड़ सकता है। आइये जानते हैं राजनीति में सफलता के सूत्र क्या हैं, किन ग्रहों को प्रसन्न रखना चाहिए और किसे नाराज नहीं करना चाहिए ..
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को शक्ति, नेतृत्व और मान-सम्मान का प्रतीक माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य मजबूत होता है, वह राजनीति में खूब सफलता हासिल करते हैं। इन्हें उच्च पद मिलता है। इसके विपरीत कुंडली में सूर्य के कमजोर होने से लाख कोशिशों के बाद भी राजनीति में सफलता नहीं मिलती है। ऐसे जातक जनता के बीच ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो पाते हैं।
कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए रविवार के दिन मंत्र पढ़ते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें और इसके लिए आप लाल चंदन, लाल फूल और तांबे के लोटे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा रविवार के दिन सूर्य देव के मंदिर में दर्शन करें और गेहूं का दान करें। प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व उठकर उदित होते हुए सूर्य के दर्शन करें।
नवग्रहों में से एक चंद्रमा जनता का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली में चंद्रमा के मजबूत होने पर व्यक्ति लोकप्रिय होता है और उसे जनता का समर्थन मिलता है। वहीं चंद्रमा के कमजोर से जातक को आसानी से जनता का समर्थन नहीं मिलता है। राजनीति के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए व्यक्ति का मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी होता है और ऐसे में अगर चंद्रमा कमजोर है, तो व्यक्ति लंबे समय तक राजनीति में नहीं टिक पाता है।
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चंद्रमा को बलवान करने के लिए हर सोमवार भगवान शिव की पूजा करें और दूध चढ़ाएं। इस दिन ॐ सोम नमः मंत्र का जाप करें। साथ ही सोमवार को सफेद वस्त्र धारण करें और संभव हो तो खीर का दान करें। पूर्णिमा और अमावस्या के दिन व्रत रखें।
नवग्रहों में बृहस्पति देव को देवताओं का गुरु और शुभ लाभकारी ग्रह माना जाता है। यह ग्रह ज्ञान, संपदा और भाग्य का भी प्रतिनिधित्व करता है। जिन जातकों की कुंडली में गुरु मजबूत होते हैं, उन्हें राजनीति के क्षेत्र में खूब मान-सम्मान मिलता है। इसलिए सत्ता से संबंध रखने वाले लोगों को गुरु ग्रह की कृपा की आवश्यकता रहती है।
बृहस्पति देव के आशीर्वाद से राजनीति में सक्रिय लोग समाज में मान-सम्मान प्राप्त करते हैं और खूब प्रसिद्धि हासिल करते हैं। इसके विपरीत अगर कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हैं तो राजनीति में धीरे-धीरे इंसान का नाम खराब होने लगता है।
गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें। साथ ही उन्हें केले का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से गुरु ग्रह मजबूत होते हैं। बृहस्पतिवार को पीले रंग के वस्त्र धारण करें। साथ ही पीले रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए। गुरुवार के दिन गुरु मंत्र ॐ गुरुवे नमः मंत्र का जाप करें और केसर का दान करना फलदायी रहता है।
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न्याय के देवता और कर्मफल दाता शनि ग्रह को ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। शनि न्याय, अनुशासन और कर्म के ग्रह हैं जो व्यक्ति को उनके अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। जिन जातकों की कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है, वह राजनीति के क्षेत्र में खूब मेहनत करते हैं।
साथ ही इन लोगों के निर्णय न्याय से पूर्ण होते हैं। शनि ग्रह के आशीर्वाद से राजनीति में रूचि रखने वाले अपार सफलता प्राप्त करते हैं। शनि महाराज के मेहरबान होने पर व्यक्ति को राजनीति में की गई मेहनत का पूरा-पूरा फल मिलता है। दूसरी तरफ यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ या कमजोर स्थिति में होते हैं, तो ऐसे मनुष्य को जेल की हवा तक खाने की नौबत आ सकती है।
कुंडली में शनि ग्रह को मजबूत करने के लिए शनिवार के दिन भगवान शनि की उपासना करें। साथ ही उन्हें तेल चढ़ाएं। शनिवार को काले रंग के कपड़े पहनें और काली उड़द का दान करना श्रेष्ठ रहता है। शनिवार के दिन शनि मंत्र ॐ शनिदेवाय नमः मंत्र का जाप करें। संभव हो तो नियमित रूप से शनिवार को व्रत रखें और इस दिन लोहे का दान करें।