Shivling par chadha prasad: शिवलिंग पर चढ़ाए प्रसाद को लेकर कोई कंफ्यूजन है तो जानें इसका जवाब, शिव पुराण में इसको लेकर एक कहानी है, जिससे जानें शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद खाएं या नहीं और इसका नियम क्या है (shiv prasad ki kahani) ..
Shivling Par Chadha Prasad : सावन का महीना शुरू होने वाला है और इस महीने में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। इस समय भक्त शिवलिंग पर प्रसाद भी चढ़ाते हैं, लेकिन कई लोगों में कंफ्यूजन होता है कि शिवलिंग पर चढ़ाया भोग प्रसाद घर ले जाया जाना चाहिए या नहीं और शिव जी पर चढ़ाए प्रसाद का क्या करना चाहिए।
शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर प्रसाद चढ़ाने से सभी पापों का अंत हो जाता है और इससे बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। इससे जीवन में दिव्यता का संचार होता है। इसको लेकर एक कथा बताई जाती है कथा के अनुसार भगवान शिव के मुंह से चंडेश्वर नामक गण प्रकट हुआ था। शिवजी के चंडेश्वर को भूत-प्रेतों का प्रधान बना दिया। साथ ही भगवान ने शिवलिंग पर चढ़ाए प्रसाद पर इसको अधिकार दे दिया। मान्यता है कि शिवलिंग का प्रसाद खाना चंडेश्वर यानी भूतों का खाना खाने जैसा माना गया है। इसलिए मनुष्यों को यह नहीं खाना चाहिए।
हालांकि कई विद्वान इससे अलग मत रखते हैं, उनका कहना है कि कुछ खास तरह के शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ही नहीं खाना चाहिए, बाकी पर चढ़ा प्रसाद खा सकते हैं। अगर आप भी शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद खाते हैं या घर ले जाते हैं तो नियमों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।
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विद्वानों के अनुसार सभी शिवलिंग पर चढ़ा गया प्रसाद चंडेश्वर का भाग नहीं माना जाता है। आमतौर पर साधारण पत्थर, चीनी मिट्टी और मिट्टी से बने शिवलिंग का प्रसाद नहीं खाना चाहिए। इस तरह के शिवलिंग पर चढ़े हुए प्रसाद को खाने की बजाय नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।
धार्मिक ग्रंथों और विद्वानों के अनुसार तांबे, सोने, चांदी आदि धातुओं से बने शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद खाया जा सकता है। पारद शिवलिंग पर भी प्रसाद चढ़ाने के बाद खा सकते हैं और घर भी ले जा सकते हैं। इन धातुओं से बने शिवलिंग का प्रसाद खाने से किसी भी प्रकार का कोई दोष नहीं लगता है।
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