Shivling Jal Abhishek Niyam: भगवान शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में होती है। मान्यता है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने से आदि देव शिव प्रसन्न हो जाते हैं और हर मनोकामना पूरी करते हैं। लेकिन लोगों के मन में ये सवाल होता है कि शिवलिंग के अभिषेक वाले इस जल का क्या करें। क्या आप जानते हैं शिवलिंग पर चढ़ा जल भक्तों को रोगों और ग्रह दोष से छुटकारा दिला सकता है। आइए जानते हैं कि शिवलिंग पर चढ़े जल को कैसे इस्तेमाल करना चाहिए...
Shivling Jal Abhishek Niyam in Hindi: शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर जल चढ़ाने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। सांसारिक सुखों की तो प्राप्ति होती ही है, मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। आइये जानते हैं क्या कहते हैं धार्मिक ग्रंथ..
वाराणसी के पुजारी पं शिवम तिवारी के अनुसार शिवलिंग की पूजा का नियम (Shivling Puja Niyam) शास्त्रों में बताया गया है। शिवलिंग पर चढ़ा जल चरणामृत के समान होता है। इससे शिवलिंग अभिषेक का जल प्रसाद के रूप में ही ग्रहण करना चाहिए। शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग का जल पीने से व्यक्ति को कई प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल (Shivling Jalabhishek Niyam) बहुत पवित्र होता है। इस जल को कभी फेंकना नहीं चाहिए। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद उस जल को सबसे पहले अंगुलियों में लेकर आंखों पर लगाएं और इसके बाद गले और माथे पर लगाएं। माना जाता है कि इससे ग्रह दोषों से छुटकारा मिल सकता है।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए। साथ ही शिवलिंग का जल पीते समय इसका ध्यान रखना चाहिए कि वह किसी के पैरों पर न गिरे। साथ ही इस जल को पीते समय शिवलिंग को भी स्पर्श नहीं करना चाहिए वर्ना पूरा फल नहीं मिलता।