बेंगलूरु साध्वी संयमलता ठाणा-4 के सान्निध्य में बनशंकरी में आयोजित आध्यात्मिक अनुष्ठान में साध्वी ने कहा कि व्यक्ति की सारी समस्या मन पर निर्भर करनी है। यदि उसका मन स्थिर, शांत व शुद्ध है तो दुनिया में उसके लिए सुख ही सुख होता है। साध्वी मार्दवश्री ने नमो अरिहंताणं और अर्हम की ध्वनि का ध्यान […]
बेंगलूरु
साध्वी संयमलता ठाणा-4 के सान्निध्य में बनशंकरी में आयोजित आध्यात्मिक अनुष्ठान में साध्वी ने कहा कि व्यक्ति की सारी समस्या मन पर निर्भर करनी है। यदि उसका मन स्थिर, शांत व शुद्ध है तो दुनिया में उसके लिए सुख ही सुख होता है। साध्वी मार्दवश्री ने नमो अरिहंताणं और अर्हम की ध्वनि का ध्यान करवाते हुए कहा कि जीवन में चंद्रमा का विशेष स्थान होता है। एक चंद्रमा जो आसमान में चमकता है और दूसरा हमारी जन्म कुंडली का, दोनों एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। मन सशक्त है तो मानसिक स्थिरता, इमोशनल संतुलन,मन की एकाग्रता व निर्णय क्षमता स्वत: विकसित हो जाती है। इसलिए आज हमें सीमंधर स्वामी का यह अनुष्ठान कर अपने मन को और अधिक सशक्त बनाने का प्रयास करना चाहिए। ताकि हम अपने गृह को मजबूत कर सके।मौके पर परिषद अध्यक्ष स्वरूप चोपड़ा, पूर्व अध्यक्ष पवन बोथरा, पूर्व अध्यक्ष अंकुश बैद, मंत्री देवेन्द्र आंचलिया, कार्यसमिति सदस्य से दीक्षित सोलंकी, अरिहंत आंचलिया एवं महिला मंडल से निर्मला देवी आंचलिया और चिमनलाल बुच्चा परिवार आदि मौजूद थे ।