Why Reason Mata Sita stay away from Lord Rama: भगवान राम और माता सीता का अलग रहना यह दर्शाता है कि समाज और धर्म का पालन करने वाले व्यक्ति को अपनी इच्छाओं का त्याग करना पड़ता है।
Why Reason Mata Sita stay away from Lord Rama: हिंदू धर्म में रामायण ग्रंथ का बहुत महत्व है। इसमें भगवान श्रीराम और माता सीता के पवित्र चरित्र का वर्णन किया गया है। साथ ही संसारी लोग भगवान राम और माता सीता को अपना आदर्श मानते हैं। लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी भी हैं जो व्यक्ति को सोचने पर मजबूर कर देती हैं। उन्हीं घटनाओं में शामिल एक घटना भगवान राम और माता सीता के अलग रहने की भी है। जो बहुत से लोगों के मन में संशय का विषय बनी हुई है। आइए जानते हैं इस घटना सच।
धार्मिक कथाओं के अनुसार जब भगवान राम माता सीता को लंका से रावण का वध करके अयोध्या वापस लेकर आए तो लोगों को उनकी पवित्रता पर सवाल उठाए। बेशक भगवान राम को माता सीता की पवित्रता पर पूर्ण विश्वास था। लेकिन वे अपनी प्रजा के एक आदर्श राजा थे तो उन्होंने अपना उत्तरदायित्व निभाते हुए जनता का संदेह दूर किया। मान्यता है कि भगवान श्रीराम के इस कठिन निर्णय की वजह से सीता को ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में रहना पड़ा था।
ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में रहते हुए माता सीता ने दो पुत्रों को जन्म दिया। जिनको दुनिया में लव और कुश के नाम से जाना गया। दोनों पुत्रों को माता सीता ने रामायण की कथा और धर्म के आदर्शों की शिक्षा दी। मान्यता है कि भगवान राम और माता सीता ने अलग रहकर भी धर्म और कर्तव्य के प्रति अपनी निष्ठा और श्रद्धा बनाए रखी।
भगवान राम और माता सीता का जीवन धर्म, कर्तव्य और आदर्शों का प्रतीक माना गया है। उनकी कथा में कई ऐसे क्षण आते हैं जो गहन विचार करने पर मजबूर करते हैं। राम और सीता का त्रेतायुग की सामाजिक और राजनैतिक परिस्थितियों का परिणाम माना गया है।