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हवाई जहाज के Toilet में फ्लश करते ही क्या होता है? जानिए 

Amazing Facts About Planes: प्लेन यात्रा को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। कुछ सवाल तो बेशक सोचने पर मजबूर कर देते हैं जैसे प्लेन का टॉयलेट कैसे काम करता है। आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो पढ़ें पूरी खबरें-

2 min read
Mar 15, 2025

Amazing Facts About Planes: प्लेन की यात्रा अभी बहुत से लोगों के पहुंच से दूर है। प्लेन से सफर करना भले ही लोगों को रोमांचक लगता हो लेकिन ये जितना रोमांचक है उतना ही रहस्यमय भी है। अब चूंकि बहुत से लोग प्लेन से यात्रा नहीं कर पाते हैं तो उन्हें बहुत सी बातें मालूम नहीं होती हैं। प्लेन यात्रा को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। कुछ सवाल तो बेशक सोचने पर मजबूर कर देते हैं। लेकिन वहीं कुछ सवाल ऐसे होते हैं जिस पर हंसी भी आ सकती है। अब सवाल चाहे हंसी का पात्र हो या बेबुनियाद एक व्यक्ति जिसने कभी भी फ्लाइट का सफर नहीं किया उसके लिए हर सवाल का जवाब जानना जरूरी है। ऐसा ही एक सवाल प्लेन के टॉयलेट से जुड़ा है। सवाल ये है कि जब आप हवाई जहाज के शौचालय में फ्लश करते हैं तो क्या होता है? 

इस तरह काम करता है प्लेन का टॉयलेट 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Aviamonde के संस्थापक और एयरलाइन पायलट ड्यूक आर्मिटेज कहते हैं कि वेस्ट पार्ट को एक वैक्यूम तंत्र के द्वारा खींचा जाता है और पाइप की मदद से वेस्ट टैंक की सफाई होती है। विमान जब लैंड करता है तो ‘हनी ट्रक’ इस वेस्ट मैटेरियल को इक्ट्ठा कर इसका निपटान करता है। 

जमीन पर डंप नहीं होता वेस्ट 

वहीं एक वायरल TikTok वीडियो में, गैरेट नाम के एक पायलट, @flywithgarrett ने हवाई जहाज के बाथरूम के बारे में बात की। इस व्यक्ति ने कहा, “क्या आप जानते हैं कि जब भी आप विमान में शौचालय को फ्लश करते हैं, तो यह वास्तव में नीचे जमीन पर रह रहे लोगों पर डंप नहीं होता है। यह प्लंबिंग के माध्यम से विमान के पीछे सील डिब्बों में जाता है। प्लेन के लैंडिंग करने पर ग्राउंड क्रू इस कचरे को हटा देती है।” इस व्यक्ति ने आगे जानकारी देते हुए कि लंबी दूरी के दौरान प्लेन के टॉयलेट में एक हजार से अधिक बार फ्लश किया जा सकता है, जिससे 320 गैलन से अधिक वेस्ट मैटेरियल उत्पन्न होता है। 

हवाई जहाज का टॉयलेट घर से कितना अलग है?

हवाई जहाज का टॉयलेट सिस्टम घरों में इस्तेमाल होने वाले टॉयलेट की तुलना में बिल्कुल अलग है। यह वैक्यूम आधारित तकनीक पर काम करता है, जो बाहरी और अंदर के प्रेशर के अंतर को उपयोग करके कचरे को तेजी से हटाता है। इस सिस्टम में पानी कम खपत होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जहां घरेलू टॉयलेट में एक फ्लश के लिए 6 से 10 लीटर पानी चाहिए, वहीं प्लेन के टॉयलेट में सिर्फ 0.5 से 1 लीटर पानी ही इस्तेमाल होता है।

Updated on:
14 Apr 2025 12:51 pm
Published on:
15 Mar 2025 03:26 pm
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