पुनर्गठित बोर्ड में देश के प्रमुख तकनीकी संस्थानों और संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इनमें, आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर, आईआईटी रुड़की, एनआईटी राउरकेला...
JEE 2026 परीक्षा को लेकर अहम और जरुरी जानकारी सामने आई है। देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं JEE Main और Advanced को और पारदर्शी और सुचारु बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने अहम कदम उठाया है। मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा एपेक्स बोर्ड (Joint Admission Board - JAB) का पुनर्गठन करने का नोटिस जारी किया है। यह नया बोर्ड 2026 और 2027 में होने वाली परीक्षाओं की नीतियों और संचालन से जुड़ी जिम्मेदारी संभालेगा। इसकी कवायद कई महीनों से चल रही थी। इस नए बने JAB की बागडोर BHU के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एस.के. जैन को सौंपी गई है। उन्हें बोर्ड का मानद अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
पुनर्गठित बोर्ड में देश के प्रमुख तकनीकी संस्थानों और संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इनमें, आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर, आईआईटी रुड़की, एनआईटी राउरकेला, IIEST शिवपुर, आईआईआईटी हैदराबाद, आईआईआईटी ऊना (PPP) और आईआईआईटीडीएम कांचीपुरम के डायरेक्टर शामिल हैं। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भी होंगे। बोर्ड में VIT, CBSE, NIC, C-DAC और शिक्षा मंत्रालय द्वारा नामित सदस्य भी रहेंगे। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के महानिदेशक को बोर्ड का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
नए गठित जेएबी का मुख्य कार्य जेईई परीक्षाओं से जुड़ी नीतियों और प्रक्रियाओं पर अंतिम निर्णय लेना होगा। इसके अलावा जेईई (Main) से संबंधित नियम और दिशानिर्देश तय करना। जेईई (Advanced) आयोजित करने वाले संस्थान के साथ तालमेल बैठाना। साथ ही एनटीए में स्थायी सचिवालय का संचालन करना, जिसे जेईई इंटरफेस ग्रुप का सहयोग मिलेगा। परीक्षा से पहले और बाद की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, आईटी सेवाओं और अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू करना। आधिकारिक नोटिस में यह भी कहा गया है कि NTA परीक्षा संचालन में प्रशासनिक और लॉजिस्टिक सहयोग देगा और अपने मौजूदा संसाधनों का उपयोग करते हुए पूरे देश में जेईई को व्यवस्थित तरीके से आयोजित करेगा।