शिक्षा

JNV Admission: इस सरकारी स्कूल में एडमिशन पाना है बहुत मुश्किल, जानिए क्यों और कैसे मिलेगा दाखिला

JNV Admission 2025: जवाहर नवोदय विद्यालय कक्षा 6 में सिर्फ वही छात्र दाखिला ले सकते हैं, जो इस वर्ष 5वीं कक्षा में पढ़ रहे हों। छात्र सिर्फ अपने ही जिले में स्थित नवोदय विद्यालय में दाखिला ले सकते हैं।

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JNV Admission 2025: जवाहर नवोदय विद्यालय की गिनती देश के टॉप स्कूलों में की जाती है। यहां छात्रों से को बोर्डिंग की सुविधा मिलती है। साथ ही पढ़ाई से लेकर रहना और खाना बहुत ही कम दाम में हो जाता है। यही कारण है कि बहुत से लोग चाहते हैं कि उनके बच्चों का दाखिला जवाहर नवोदय विद्यालय में हो जाए। हालांकि, यहां एडमिशन मिलना इतना आसान नहीं है। हर साल बड़ी संख्या में छात्र यहां दाखिला पाने के लिए आवेदन करते हैं। जवाहर नवोदय विद्यालय ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे माता पिता जो अपने बच्चों का एडमिशन जवाहर नवोदय विद्यालय में कराना चाहते हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट navodaya.gov.inपर जाकर 16 सितंबर तक फॉर्म भर दें।

जवाहर विद्यालय में कौन ले सकता है दाखिला (JNV Admission 2025)

जवाहर नवोदय विद्यालय कक्षा 6 में सिर्फ वही छात्र दाखिला ले सकते हैं, जो इस वर्ष 5वीं कक्षा में पढ़ रहे हों। छात्र सिर्फ अपने ही जिले में स्थित नवोदय विद्यालय में दाखिला ले सकते हैं। दाखिले के लिए छात्रों को निवास प्रमाण पत्र जमा करना भी जरूरी है। साथ ही एक लिमिटेशन ये है कि छात्र बस एक बार ही प्रयास कर सकते हैं। 

हर कक्षा में पास होना जरूरी है 

कक्षा 6 में सिर्फ वही छात्र दाखिला ले सकते हैं जो सरकारी सहायता प्राप्त या मान्यता प्राप्त स्कूल में कक्षा 3,4 और 5 में पढ़ाई कर चुके हैं। साथ ही उनका हर कक्षा में पास होना भी जरूरी है। नवोदय विद्यालय में किसी भी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए 75 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहती हैं। वहीं, बाकी 25% सीटें शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों के छात्रों के लिए उपलब्ध हैं।

किस आधार पर मिलेगा एडमिशन (Eligibility For JNV Admission)

जवाहर नवोदय विद्यालय कक्षा 6 एडमिशन टेस्ट (JNV Admission Test) पास कर पाना इतना आसाना नहीं है। इसका असर काफी कठिन होता है। यहां दाखिला मिलना पूरी तरह से आपकी योग्यता पर निर्भर करता है। इस परीक्षा में मैथ्स, मेंटल एबिलिटी यानी मानसिक क्षमता और क्षेत्रीय भाषा पर उनकी पकड़ के आधार पर स्टूडेंट्स का मूल्यांकन किया जाता है।

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