Pariksha Pe Charcha: परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी। इसके बाद से कभी ऑनलाइन तो कभी ऑफलाइन मोड में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
Pariksha Pe Charcha: परीक्षाएं छात्रों के जीवन का अहम हिस्सा होती हैं। लेकिन कई छात्र इसे कुछ ज्यादा ही गहराई से ले लेते हैं। वे परिणाम से इतना डर जाते हैं कि अनुचित कदम उठा लेते हैं। NCRB के डेटा के मुताबिक, परीक्षा में फेल होने के कारण साल 2014 से साल 2020 के बीच कुल 12,582 छात्रों ने आत्महत्याएं की हैं। यही कारण है कि आज के समय में शिक्षक, करियर काउंसिलर से लेकर तमाम लोग बच्चों का तनाव कम करने में लगे होते हैं। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी हर साल परीक्षा से पहले छात्रों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’करते हैं।
पीएम इस कार्यक्रम के जरिए छात्रों को परीक्षा के तनाव से दूर रहने की सलाह देते हैं। लाखों करोड़ों छात्रों और उनके माता-पिता को इस कार्यक्रम से फायदा मिलता है। इस कार्यक्रम की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2018 में इसमें करीब 22 हजार छात्रों ने भाग लिया था। वहीं वर्ष 2024 में इसमें करीब 2 करोड़ छात्रों ने भाग लिया। यही नहीं करीब 14 लाख शिक्षकों ने और 5 लाख के करीब अभिभावकों ने भी इस कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन किया था।
आज के समय की सच्चाई ये है कि बहुत बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा को लेकर तनावग्रस्त हैं। परीक्षा में अच्छे अंक लाने की चिंता, कोर्स और करियर के चुनाव की दुविधा और परिवार व समाज के दबाव के कारण विद्यार्थियों को कई बार तनावपूर्ण स्थितियों का सामना करना पड़ता है। वहीं आज के परिवेश में ज्यादातर परिवार एकल परिवार होते हैं।
ऐसे में छात्र खुद की परेशानी किसी से साझा नहीं कर पाते हैं, जिसके कारण उनकी मानसिक स्थिति पर असर पड़ता है। ऐसे में पीएम की ये पहल उन सभी छात्रों को एक मौका देती है जो अपनी मन की स्थिति को लेकर किसी से चर्चा करना चाहते हैं या फिर परीक्षा, परिणाम और करियर को लेकर सवाल पूछना चाहते हैं। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी। इसके बाद से कभी ऑनलाइन तो कभी ऑफलाइन मोड में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
इस कार्यक्रम की खास बात ये है कि इसमें किसी भी क्षेत्र, वर्ग, उम्र, जाति या धर्म के कैंडिडेट्स शामिल हो सकते हैं। यही नहीं भारत के सभी राज्यों से लेकर विदेश तक के जूनियर और सीनियर कक्षाओं के छात्र के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थी भी शामिल हो सकते हैं। वहीं पीएम छात्रों के सवालों का जवाब इस तरह से देते हैं जो उसे न सिर्फ परीक्षा केंद्रित रखता है बल्कि जीवन से जोड़ देता है।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों के ऊपर परीक्षा का प्रेशर कम करना है। बोर्ड परीक्षा से पहले छात्रों में तनाव होना स्वाभाविक है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस कार्यक्रम के जरिए उसे कम करने की कोशिश करते हैं। वह बच्चों को बोर्ड परीक्षा में बेस्ट मार्क्स स्कोर करने के टिप्स देते हैं, उन्हें मोटिवेट करते हैं और उनके सवालों के जवाब भी देते हैं।