Mid Day Meal : सरकारी विद्यालयों में बन रहे दोपहर के भोजन का अब पहला निवाला मां चखेगी। राज्य सरकार ने सभी स्कूलों को आदेश जारी किए हैं कि प्रतिदिन पांच माताओं को भोजन चखाकर मिड-डे मील की गुणवत्ता परखी जाए।
चित्तौड़गढ़. सरकारी विद्यालयों में बन रहे दोपहर के भोजन का अब पहला निवाला मां चखेगी। राज्य सरकार ने सभी स्कूलों को आदेश जारी किए हैं कि प्रतिदिन पांच माताओं को भोजन चखाकर मिड-डे मील की गुणवत्ता परखी जाए। यदि मां चखकर कहे कि सही है, तभी वह खाना बच्चों को परोसा जाए। यह खाना प्रति बच्चे के हिसाब से तौल व गुणवत्ता दोनों में बराबर होने की पुष्टि भी स्कूल में पहुंचने वाली पांच महिलाएं करेंगी।
प्राथमिक स्तर पर सौ ग्राम गेहूं, सौ ग्राम चावल प्रति विद्यार्थी सरकार उपलब्ध करवाती है। जबकि 5.45 पैसे कुकिंग कन्वर्जन राशि मिलती है। इससे मिर्च-मसाला, तेल आदि की खरीद होती है। छठी से आठवीं तक 8.17 रुपए कुकिंग कन्वर्जन राशि मिलती है। जबकि डेढ़ सौ ग्राम गेहूं, चावल सौ ग्राम सरकार उपलब्ध करवाती है।
निदेशालय माध्यमिक बोर्ड चित्तौड़गढ़ ने इस आशय के नए निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार अब मिड-डे मील के निरीक्षण व भोजन की पौष्टिकता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिदिन विद्यार्थियों की पांच माताओं को बारी-बारी विद्यालय में आमंत्रित किया जाएगा। यह निरीक्षण महिलाओं के लिए ऐच्छिक होगा।
सोमवार: रोटी-सब्जी
मंगलवार: दाल-चावल
बुधवार: दाल-रोटी
गुरुवार: नमकीन चावल
शुक्रवार: दाल-रोटी
शनिवार: सब्जी-रोटी
जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा चित्तौड़गढ़ राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि आदेश मिल गया है। संस्था प्रधान व मिड-डे मिल प्रभारी महिलाओं को आमंत्रित कर पोषाहार की गुणवत्ता की जांच करवाकर बच्चों को बाटेंगे। राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार पालना की जाएगी।