Study Abroad: अमेरिका में आवेदन 13% तक घटे हैं, वहीं जर्मनी में छात्रों की हिस्सेदारी 2022 के 13.2% से बढ़कर 2024 में 32.6% हो गई है। कनाडा में भी भारी गिरावट आई है, 17.85% से घटकर 9.3% हो गई है
Study Abroad Trends 2025: हर साल हजारों छात्र दुनियाभर के देशों में हायर स्टडीज के लिए जाते हैं। भारत से भी छात्र पढ़ाई के लिए विदेशी यूनिवर्सिटीज का रुख करते हैं। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी जैसे देशों में हर साल भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं। अमेरिका, कनाडा में सबसे ज्यादा भारतीय एडमिशन लेते थे। लेकिन अब ये ट्रेंड बदल रहा है। इन देशों के अलावा भारतीय छात्र दूसरे देश का रुख कर रहे हैं। 'Upgrad' के Transnational Education (TNE) Report 2024–25 के अनुसार, भारतीय छात्रों की विदेश शिक्षा के चयन में बड़ा बदलाव देखा गया है। पारंपरिक विकल्प जैसे अमेरिका और कनाडा अब पहले की तरह पसंद नहीं किए जा रहे हैं, जबकि जर्मनी सबसे अधिक पसंदीदा देश बनकर उभरा है। जहां अमेरिका में आवेदन 13% तक घटे हैं, वहीं जर्मनी में छात्रों की हिस्सेदारी 2022 के 13.2% से बढ़कर 2024 में 32.6% हो गई है। कनाडा में भी भारी गिरावट आई है, 17.85% से घटकर 9.3% हो गई है
upGrad की 2024–25 रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय देशों में भारतीय छात्रों की रुचि में तेजी से वृद्धि हो रही है। इस लिस्ट में जर्मनी सबसे आगे है, जहां 32.6% छात्र जा रहे हैं। इसके बाद आयरलैंड (3.9%), फ्रांस (3.3%) और अन्य यूरोपीय देशों को मिलाकर लगभग 9% छात्र इन्हें पसंद कर रहे हैं। दूसरी ओर, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी एक उभरता हुआ विकल्प बनकर सामने आया है, जहां अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 42% भारतीय हैं।
| श्रेणी | विवरण | आँकड़े |
|---|---|---|
| 🇪🇺 यूरोप बना नया हॉटस्पॉट | जर्मनी | 32.6% |
| आयरलैंड | 3.9% | |
| फ्रांस | 3.3% | |
| अन्य यूरोपीय देश | 9% |
| कोर्स / डिग्री विकल्प | प्राथमिकता (%) |
|---|---|
| मास्टर डिग्री को प्राथमिकता | 86.5% |
| मैनेजमेंट / MBA (पहले 30%) | 55.6% |
| STEM (साइंस, टेक, इंजीनियरिंग, मैथ्स) फील्ड्स | 38.9% |
इस रिपोर्ट पर upGrad Study Abroad के AVP प्रनीत सिंह कहते हैं कि आज के भारतीय छात्र अपने शिक्षा विकल्पों को लेकर कहीं अधिक सोच-समझकर निर्णय ले रहे हैं। लागत, वीजा की सख्ती और पोस्ट-स्टडी विकल्पों को ध्यान में रखते हुए। अब पारंपरिक ‘Big Four’ ही एकमात्र विकल्प नहीं रह गए।