Waqf Board: ब्रिटिश शासनकाल में 1913 में वक्फ बोर्ड की औपचारिक शुरुआत हुई थी और 1923 में इसे कानूनी मान्यता देने के लिए वक्फ अधिनियम लागू किया गया।
Waqf Amendment Bill: वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन से जुड़े विधेयक पर सर्वदलीय संसदीय समिति में विचार-विमर्श के बाद अंततः यह बिल 2 अप्रैल 2025 को संसद में प्रस्तुत किया जा रहा है। इस विधेयक को पहली बार 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश किया गया था। इस विषय पर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच गहन बहस चल रही है। यहां हम वक्फ और वक्फ शब्द के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।
वक्फ एक अरबी शब्द है, जिसका मूल 'वकुफा' शब्द से है। 'वकुफा' का अर्थ होता है ठहरना, रोकना या प्रतिबंध लगाना। इसी आधार पर वक्फ शब्द का उपयोग उस संपत्ति के संदर्भ में किया जाता है, जिसे जन-कल्याण के उद्देश्य से सुरक्षित रखा जाता है।वक्फ, जिसका मतलब होता है- 'संरक्षित करना'। इस्लामी मान्यता में वक्फ संपत्ति का उपयोग धार्मिक या सामाजिक कार्यों के लिए किया जाता है।
ब्रिटिश शासनकाल में 1913 में वक्फ बोर्ड की औपचारिक शुरुआत हुई थी और 1923 में इसे कानूनी मान्यता देने के लिए वक्फ अधिनियम लागू किया गया। उस समय वक्फ संपत्तियां व्यक्तिगत स्तर पर दान की जाती थीं, जिनका उपयोग गरीबों की मदद, शिक्षा और धार्मिक कार्यों के लिए किया जाता था। आजादी के बाद, 1954 में वक्फ अधिनियम संसद में पारित किया गया। इसके बाद, 1995 में एक नए वक्फ अधिनियम को लागू किया गया, जिससे वक्फ बोर्ड को अधिक शक्तियां प्रदान की गई। 2013 में अधिनियम में संशोधन किया गया, जिससे वक्फ बोर्डों को संपत्तियों पर व्यापक अधिकार मिल गए। संशोधनों के बाद, वक्फ संपत्तियों की बिक्री लगभग असंभव हो गई और वक्फ बोर्ड को कई कानूनी शक्तियां प्रदान की गई।
केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव के लिए दो विधेयक पेश किए हैं। जिसमें वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 है। ये दोनों विधेयक 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में प्रस्तुत किए गए थे। इनका उद्देश्य मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 और वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। इन प्रस्तावित संशोधनों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और समुदायों में व्यापक चर्चा हो रही है।