ग्रेजुएशन के बाद पुतिन ने सोवियत खुफिया एजेंसी केजीबी (KGB) में प्रवेश किया और वहां से अपने करियर की शुरुआत की। आगे चलकर उन्होंने "नेशनल मिनरल रिसोर्स यूनिवर्सिटी" से पीएचडी स्तर का रिसर्च कार्य भी किया।
दुनिया में सबसे ज्यादा ताकतवर देशों की लिस्ट में Russia और अमेरिका टॉप के स्थान पर काबिज हैं। वहीं जो भी इन देशों का राष्ट्राध्यक्ष बनता है, वो दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों की लिस्ट में टॉप पर रहता है। दुनिया की राजनीति में व्लादिमीर पुतिन(Vladimir Putin) और डोनाल्ड ट्रम्प(Donald Trump) ऐसे दो नाम हैं, जिनका असर वैश्विक स्तर पर गहराई से देखा जाता है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प दोनों ही अपनी-अपनी शैली और कड़े निर्णयों के लिए पहचाने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के सबसे ताकतवार दो इंसान कितने पढ़ें-लिखे हैं या इन दोनों में कौन ज्यादा पढ़ा-लिखा है?
Vladimir Putin ने लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी (अब सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी) से 1975 में लॉ (कानून) में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून और सोवियत संघ की राजनीति पर ध्यान केंद्रित किया। ग्रेजुएशन के बाद पुतिन ने सोवियत खुफिया एजेंसी केजीबी (KGB) में प्रवेश किया और वहां से अपने करियर की शुरुआत की। आगे चलकर उन्होंने "नेशनल मिनरल रिसोर्स यूनिवर्सिटी" से पीएचडी स्तर का रिसर्च कार्य भी किया। इस लिहाज से देखा जाए तो पुतिन की शैक्षणिक बैकग्राउंड काफी मजबूत है।
अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump की बात करें तो उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई न्यूयॉर्क मिलिट्री अकादमी से की। इसके बाद उन्होंने फोर्हम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की, लेकिन बाद में पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के "व्हार्टन स्कूल ऑफ फाइनेंस" में एडमिशन लिया। 1968 में ट्रम्प ने इकॉनॉमिक्स (अर्थशास्त्र) में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। यह संस्थान दुनिया के प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूलों में गिना जाता है। हालांकि ट्रम्प की पढ़ाई का फोकस राजनीति या कानून से अधिक बिजनेस और वित्तीय मामलों पर रहा।
अगर दोनों नेताओं के तुलना करें तो औपचारिक डिग्री और विषयगत गहराई की लिहाज से पुतिन की शिक्षा अपेक्षाकृत अधिक अकादमिक और रिसर्च बेस्ड मानी जा सकती है। क्योंकि उन्होंने कानून में ग्रेजुएशन करने के साथ उच्च स्तरीय रिसर्च भी किया है। वहीं, ट्रम्प की शिक्षा व्यावहारिक और बिजनेस-ओरिएंटेड रही, जिसने उन्हें एक सफल कारोबारी और बाद में राजनेता बनने में मदद की।