Gonda News: डीएम नेहा शर्मा ने चकमार्ग पर अतिक्रमण रोकने का स्थाई समाधान निकाला है। प्रत्येक तहसील के एसडीम अपने क्षेत्र में चकमार्ग चिन्हित करेंगे। अभियान के लिए तारीख निर्धारित कर दी गई है। 15 दिनों तक लगातार यह अभियान चलेगा।
Gonda News: गोंडा जिले की डीएम नेहा शर्मा ने चकमार्गों पर बढ़ते अतिक्रमण की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने का निर्णय लिया है। डीएम ने 1 फरवरी से 15 फरवरी तक विशेष अभियान चलाने का निर्देश जारी किया है। इस अभियान के तहत चकमार्ग न केवल अतिक्रमणमुक्त किए जाएंगे बल्कि इन्हें सुरक्षित और उपयोगी भी बनाया जाएगा।
Gonda News: डीएम ने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं। वे अपने-अपने क्षेत्रों में कम से कम 25 ऐसे चकमार्गों की पहचान करें। जिनसे संबंधित शिकायतें बार-बार मिल रही हैं। इन चकमार्गों को सूचीबद्ध करते समय राजस्व अभिलेखों और नक्शों के आधार पर उनकी वास्तविक लंबाई और चौड़ाई का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। साथ ही अतिक्रमण की वर्तमान स्थिति और प्रभावित क्षेत्र का विवरण भी दर्ज किया जाएगा।
डीएम ने स्पष्ट किया है कि अतिक्रमण हटाने के बाद इन चकमार्गों पर तुरंत पुनर्वास कार्य शुरू किया जाएगा। खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे मनरेगा के तहत वर्क आईडी जनरेट कर मिट्टी पटाई और मरम्मत कार्य सुनिश्चित करें। इस पहल का उद्देश्य चकमार्गों को न केवल सुरक्षित करना है बल्कि ग्रामीण विकास कार्यों को भी गति प्रदान करना है।
अभियान के लिए राजस्व और पुलिस कर्मियों की संयुक्त टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें ग्रामवार तिथियों का निर्धारण कर संबंधित स्थानों पर पहुंचेंगी और अतिक्रमण हटाएंगी। अभियान के बाद दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ताकि भविष्य में अतिक्रमण की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। इस अभियान की निगरानी के लिए अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। सभी चकमार्गों की सूची 31 जनवरी तक तैयार कर जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। अभियान का कार्य 1 फरवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक पूरा किया जाना सुनिश्चित है।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधाओं को बहाल करने और चकमार्ग अतिक्रमण की पुरानी समस्या को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। ग्राम पंचायत स्तर पर सूचना बोर्ड लगाने का निर्देश भी दिया गया है। ताकि जनता पारदर्शिता देख सके और अभियान की प्रगति से अवगत हो सके। इस अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।