शहर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की शंका को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रुचिका चौहान
ग्वालियर. शहर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की शंका को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रुचिका चौहान ने बीएनएसएस की धारा-163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के तहत, मकान मालिकों और संस्थानों को अपने किराएदारों व कर्मचारियों की जानकारी संबंधित थाने में 15 दिन के भीतर दस्तावेजों के साथ जमा करनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह प्रतिबंधात्मक आदेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर जारी किया गया है। पुलिस अधीक्षक ने अपने प्रतिवेदन में बताया था कि गृह मंत्रालय/विदेश मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी, रोहिंग्याओं के निवास के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिले में हाल ही में 9 बांग्लादेशी नागरिक शहर में मिले थे, जिसके बाद प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड पर आ गए हैं।
कलेक्टर द्वारा जारी यह आदेश जारी होने की दिनांक से दो माह की अवधि तक प्रभावशील रहेगा। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इसका उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा-223 एवं अन्य दंडात्मक प्रावधानों के अंतर्गत दंडनीय होगा। यह कदम ग्वालियर में बाहरी और संदिग्ध तत्वों पर निगरानी रखने और शहर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने आशंका जताई है कि कई संदिग्ध व्यक्तियों ने अपना नाम बदल लिया है और वे किराए के मकानों में रह रहे हैं या विभिन्न संस्थानों में कार्य कर रहे हैं। इन व्यक्तियों की अवैध गतिविधियों में संलिप्तता की प्रबल संभावना है, जिससे आंतरिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसी के मद्देनजर, जिले के अंतर्गत सभी मकान मालिकों को अपने किराएदारों की पूरी सूचना थाने में देनी होगी। इसमें उनके पहचान पत्र सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज भी जमा करने होंगे।