हनुमानगढ़

नए नियमों की सख्ती ने बदला ईंट भट्टोंं का स्वरूप

हनुमानगढ़. प्रदेश में ईंट भट्टों के संचालन को लेकर नए नियम लागू होने के बाद एक जनवरी से फिर से भ_े खुलेंगे।

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हनुमानगढ़ में जिग-जैग तकनीक से बना ईंट भट्टा।

-जिग-जैग तकनीक से ईंट भट्टों को कर रहे अपडेट, ताकि पर्यावरण नहीं हो प्रदूषित
-जून 2026 तक तकनीक नहीं अपनाने पर भा संचालक फंस सकते हैं मुसीबत में हनुमानगढ़. प्रदेश में ईंट भट्टों के संचालन को लेकर नए नियम लागू होने के बाद एक जनवरी से फिर से भे खुलेंगे। इसके तहत ईंट भट्टा मालिकों ने तैयारी शुरू कर दी है। हनुमानगढ़ जिले की बात करें तो यहां पर करीब चार सौ ईंट भट्टे संचालित हो रहे हैं। जबकि प्रदेश में इसका आंकड़ा करीब 5000 हो जाता है। गत वर्ष राजस्थान स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भट्टा संचालन को लेकर नया आदेश जारी किया था। इसमें प्रदूषण का हवाला देते हुए बताया गया था कि राज्य में ईंट-भट्टों का संचालन अब वर्ष में सिर्फ छह माह तक हो सकेगा। इसके तहत भट्टों के संचालन की अवधि अब एक जनवरी से तीस जून तक की गई है। इसके बाद इनको बंद करने का आदेश जारी किया गया है। इससे पहले इनका संचालन नौ महीने तक होता था। नए नियमों के तहत भट्टा संचालकों को जिग-जैग तकनीक को अपनाना होगा। यह ऐसी विधि है जिसमें हवा के प्रवाह को टेढ़ी-मेढ़ी दिशा में ले जाने के लिए ईंटों को एक खास तरीके से लगाया जाता है। अलग डिजाइन की चिमनी भी तैयार की जाती है। साथ ही ईंट पकाने को लेकर अलग-अलग स्ट्रक्चर भी बनाए जाते हैं। इससे भट्टों के संचालन में प्रदूषण का स्तर घटता है। साथ ही इस तकनीक को अपनाने पर ईंट की गुणवत्ता में सुधार आने की संभावना है।
इधर नए नियम लागू होने के बाद प्रदेश में पहली बार एक जनवरी से खुलने जा रहे भट्टों पर जो ईंट की बुकिंग हो रही है, उसमें कुछ बढ़ोतरी की गई है। पिछले वर्ष तक जिले में 4200 से 4700 रुपए प्रति हजार के हिसाब से ईंट मिल जाती थी। लेकिन इस बार भट्टे खुलने पर 5200 से 5500 रुपए प्रति हजार इसके रेट रह सकते हैं। नए साल में ईंट के भाव में प्रति हजार एक हजार रुपए तक बढ़ोतरी की संभावना है। इस बीच सरकार ने जिग-जैग लगाने को लेकर जून 2026 तक छूट प्रदान कर दी है। हनुमानगढ़ जिले में कुछ ईंट भट्टों ने इस तकनीक को अपना भी लिया है। बताया जा रहा है कि जिले में करीब 55 भट्टा संचालकों ने जिग-जैग तकनीक का उपयोग करके भे तैयार करवा लिए हैं। जून 2026 तक इस तकनीक को नहीं अपनाने पर सरकार सख्ती कर सकती है। इससे भा संचालक मुसीबत में फंस सकते हैं।

मिल सकती है राहत
करीब चार महीने पहले भट्टे बंद होने के बाद जिले में ईंट के भाव 6000 से 6500 रुपए प्रति हजार हो गए थे। लेकिन आगे जनवरी में दोबारा भट्टे खुलने पर नए मकान बना रहे लोगों को कुछ राहत मिल सकती है।

25 से 30 लाख लागत
मक्कासर के ईंट भट्टा संचालक वेद भांभू के अनुसार मैंने अपने भट्टे को जिग-जैग तकनीक के अनुसार अपडेट किया है। इस पर करीब 30 लाख की लागत आई है। भांभू ने बताया कि जिग-जैग तकनीक को समझने वाले लेबर भी स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं हैं। बाहरी राज्यों से मंगवा रहे हैं। गत वर्ष की तुलना में इस बार ईंट के भाव ज्यादा रहेंगे।

नियमों की पालना जरूरी
एक जनवरी से ईंट भट्टे शुरू होंगे। नए नियमों को लेकर सभी भट्टा संचालकों को अवगत करवा दिया गया है। जिग-जैग तकनीक को कुछ ने अपडेट कर लिया है। बाकी भट्टा संचालकों को इसके लिए पाबंद किया गया है। प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-सुधीर कुमार, रीजनल ऑफिसर, प्रदूषण नियंत्रण मंडल हनुमानगढ़।

Published on:
16 Nov 2025 12:08 pm
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