हनुमानगढ़ जिले की राठीखेड़ा क्षेत्र में 500 करोड़ की लागत से लग रही एशिया की सबसे बड़ी एथेनॉल फैक्टरी बंद करने की छिड़ी जंग के बीच बुधवार को जंक्शन मंडी परिसर में किसानों की महापंचायत हुई।
हनुमानगढ़। जिले की राठीखेड़ा क्षेत्र में 500 करोड़ की लागत से लग रही एशिया की सबसे बड़ी एथेनॉल फैक्टरी बंद करने की छिड़ी जंग के बीच बुधवार को जंक्शन मंडी परिसर में किसानों की महापंचायत हुई। संयुक्त किसान यूनियन के राष्ट्रीय नेता राकेश टिकैत ने मंच के माध्यम से ऐलान किया कि जब तक फैक्टरी को बंद व एमओयू रद्द करने को लेकर स्पष्ट आदेश जारी नहीं होते तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि एक बार फैक्टरी लगने पर दोबारा बंद नहीं होगी। टिकैत ने कलक्टर की ओर से ट्रैक्टर को हथियार बताने के बयान की निंदा की।
किसानों से कहा कि फैक्टरी के आसपास आप लोग ऐसी धारा लगाओ कि कोई ट्रक वाला सामान लेकर यदि आ जाए तो वह वापस नहीं जाए। इस तरह की निगरानी रखने पर फैक्टरी अपने आप और कहीं चली जाएगी। संगठन की मजबूती का संदेश देकर टिकैत ने कहा कि अभी आंदोलन राजस्थान में है। सरकार ने फैक्टरी नहीं हटाई तो लोग यूपी से भी यहां आकर आंदोलन करेंगे। वायु और भूमि प्रदूषण फैलने की आशंका को देखते हुए फैक्टरी निर्माण को स्थाई तौर पर रोकने की मांग की।
ताकि क्षेत्र की नस्ल और फसल दोनों को सुरक्षित रखा जा सके। करीब चार घंटे चली महापंचायत के बाद जिला प्रशासन ने वार्ता का न्यौता भिजवाया। इसके बाद कलक्ट्रेट परिसर में हुई वार्ता में कुछ मुद्दों पर लिखित तो कुछ मुद्दों पर मौखिक सहमति बनी। संभावित प्रदूषण का परीक्षण करने के लिए अलग से कमेटी गठित करने को लेकर लिखित सहमति बनी।
वार्ता में शामिल संघर्ष समिति के मंगेज चौधरी ने बताया कि प्रशासन के साथ हुई वार्ता में समिति की रिपोर्ट आने तक फैक्टरी का निर्माण रोकने को लेकर सहमति बनी है। इस संबंध कलक्टर की ओर से सरकार को लिखा जाएगा। जबकि किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों की जांच सीआईडी सीबी से करवाने और दर्ज मामले वापस लेने लेने को लेकर भी वार्ता में सकारात्मक रुख रहा। मंगेज चौधरी ने कहा कि प्रशासन ने अभी एक कदम आगे बढ़ाया है। लेकिन फैक्टरी बंद करने को लेकर स्थाई आदेश जारी होने तक लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि संगरिया में सात जनवरी को फिर से किसानों की सभा होगी।
इसमें आंदोलन की आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा। संयुक्त किसान यूनियन के राष्ट्रीय नेता गुरनाम सिंह चढूंनी, संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनियां, भादरा के पूर्व विधायक बलवान पूनियां, माकपा नेता मंगेज चौधरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनीष गोदारा मक्कासर, पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र दादरी आदि मौजूद रहे। इससे पहले किसानों के आक्रोश को देखते हुए कलक्ट्रेट से महापंचायत स्थल तक की सभी सड़कें सील कर दी गई थी। करीब पंद्रह सौ पुलिस जवानों को तैनात किया गया था। सभा के चलते जंक्शन मंडी के दो गेट को छोड़कर बाकी गेट को सील कर दिया गया था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस को तैनात किया गया था।
हनुमानगढ़ के टिब्बी तहसील में लग रहे एशिया के सबसे बड़े एथेनॉल प्लांट के संबंध में फैक्टरी से होने वाले संभावित भूजल प्रदूषण के परीक्षण को लेकर पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से पांच सदस्यीय कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया है। इसमें संभागीय आयुक्त बीकानेर को अध्यक्ष, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के शासन सचिव को सदस्य सचिव, जिला कलक्टर हनुमानगढ़, वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता अरविंद अग्रवाल, मुख्य अभियंता भूजल विभाग सूरजभान को सदस्य बनाया गया है। उक्त कमेटी राजस्थान सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगी। हालांकि कमेटी कब तक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, इसकी समय सीमा का उल्लेख नहीं किया गया है।
संयुक्त किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रेशम सिंह मानुका ने किसानों की महापंचायत में पहुंचकर वार्ता में हुई बातचीत का उल्लेख करते हुए कलक्टर पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कलक्टर कभी हमारे सामने बैठकर बात करते थे। लेकिन कंपनी के दबाव में उन्होंने ऐसा काम किया कि आज वह हमारी लाइन में बैठे थे। यह सब कलक्टर की अपनी करनी की वजह से हुआ। कलक्टर पर अलोकतांत्रिक होने का आरोप लगाया। मानुका ने मौजूद लोगों के सामने दावा किया कि प्रशासन के साथ हुई वार्ता में फैक्टरी बंद करने व किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने को लेकर सरकार को लिखने को लेकर काफी सकारात्मक चर्चा हुई।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि मुकदमों से किसानों को डरने की जरूरत नहीं। सरकार को चेताया कि आप पांच सौ नहीं पचास हजार किसानों पर मामले दर्ज करवाओ, आपकी जेलें कम पड़ जाएगी। लेकिन किसान नहीं डरेगा। टिब्बी क्षेत्र के किसानों से कहा कि आसपास में कहीं आंदोलन हो तो आप लोग भी वहां पहुंचा करो। इससे आंदोलन को मजबूती मिलती है।
भादरा के पूर्व विधायक बलवान पूनियां ने कहा कि कलक्टर को टिब्बी घटना के बाद कलेक्टरी समझ में आई। कलक्टर को टाबर बताते हुए कहा कि उनकी नासमझी के चलते टिब्बी में इतना बड़ा विवाद हो गया। सामने की पंक्ति में बैठे संगरिया विधायक अभिमन्यू पूनियां से कहा कि मैंने कृषि कानून के खिलाफ विधानसभा में मजबूती से मुद्दा उठाया था। आगे विधानसभा का सत्र चलने पर आप भी फैक्टरी मामले को मजबूती से उठाना।
टिब्बी में लाठीचार्ज की घटना को लेकर कहा कि इससे आमजन में रोष पनप गया। एक बुजुर्ग का जिक्र करते हुए कहा कि टिब्बी में लाठीचार्ज वाले दिन उक्त बुजुर्ग ने प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए कहा था कि हुण तां एत्थे ला लो फैक्टरी। इसके बाद जो माहौल बना है, वह सबके सामने है। उन्होंने फैक्टरी बंद करने तथा एमओयू रद्द होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।