पशुओं की मौत होने पर पशुपालकों के घर में दोहरी मार पड़ती है। आर्थिक रूप से पशुपालक टूट जाता है।
हनुमानगढ़. पशुओं की मौत होने पर पशुपालकों के घर में दोहरी मार पड़ती है। आर्थिक रूप से पशुपालक टूट जाता है। इस तरह की अमंगल घटना होने पर पशुपालक को आर्थिक संबलता प्रदान करने की सोच से सरकार ने प्रदेश में मंगला पशु बीमा योजना की शुरुआत विगत बरसों में की। इसके तहत इस बार जिले में 54200 पशुओं के बीमा का लक्ष्य दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में पशुपालकों को पशुधन हानि से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना 2025-26 संचालित की जा रही है। योजना के तहत जन आधार कार्डधारक, गोपाल क्रेडिट कार्डधारक पशुपालक तथा लखपति दीदी समूह से जुड़ी पशुपालक महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया जाएगा। जिले में 21 नवम्बर 2025 से आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर आवेदनों को स्वीकृति मिलेगी। बीमा योजना में बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग अनिवार्य रखी गई है। चयनित पशुपालकों के अधिकतम दो दुधारू पशु (गाय/ भैंस) या 10 बकरी, 10 भेड़ अथवा 10 ऊंटवंशीय पशुओं का नि:शुल्क बीमा किया जा रहा है। योजना का क्रियान्वयन ट्रस्ट मोड पर राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा किया जा रहा है।जबकि नोडल विभाग पशुपालन विभाग है। हनुमानगढ़ जिले में अब तक कुल 2486 पशुओं का पंजीयन किया गया है। इसमें 428 आवेदनों में स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। पशुपालन विभाग का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक पशुपालक योजना का लाभ लेकर अपने पशुधन को सुरक्षा कवच प्रदान करें।
योजना के तहत जिले में छह दिसम्बर को पंचायत समिति भादरा के भानगढ़, साहूवाला नोहर के बिरकाली, देईदास, भंगूली, भूकरका, फेफाना तथा पीलीबंगा क्षेत्र में 18 एसपीडी में शिविर आयोजित किए गए। इसके अलावा हनुमानगढ़ में 30 एसएसडब्ल्यू, जंडावाली, जोड़कियां, संगरिया में लीलांवाली, किशनपुरा उतरदा तथा टिब्बी मे दो केएसपी व चंदूरवाली में शिविर लगाकर लोगों को जागरूक करने की बात अधिकारी कह रहे हैं।
पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने सभी पात्र पशुपालकों से अपील की है कि वे नजदीकी शिविर में पहुंचकर आवेदन करवाएं। अपने पशुधन का नि:शुल्क बीमा कराकर आर्थिक जोखिमों से स्वयं को सुरक्षित करें। उक्त बीमा योजना में पशुओं की मौत पर प्रति पशु 40 हजार रुपए का बीमा क्लेम दिया जाता है। अधिकतम दो दुधारू पशुओं की मौत पर 40-40 हजार का बीमा क्लेम देने का नियम है।
पूरे प्रदेश में इस बार मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत 21 लाख पश्ुाओं का बीमा करवाने का लक्ष्य दिया गया है। गत वर्ष भी इतने ही पशुओं का सरकार ने बीमा करवाया था। इसमें काफी पशुपालकों को बीमा योजना का लाभ भी दिया गया। इस बार जिलेवार लक्ष्यों का आवंटन कर दिया गया है। इसके बाद गांवों में बीमा करवाने को लेकर पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है।
लोगों को कर रहे जागरूक
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत जिले को लक्ष्य आवंटित कर दिया गया है। इसके अनुसार पशुपालकों को पशुओं का बीमा करवाने को लेकर जागरूक किया जा रहा है। गांवों में शिविर भी लगा रहे हैं।
-सुरेंद्र गेदर, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, पशुपालन विभाग हनुमानगढ़।