सह आरोपी को किया दोष मुक्त, सम्पत्ति विवाद में कार नहर में डालकर हत्या करने का मामला, वर्ष 2021 के बहुचर्चित प्रकरण में एडीजे प्रथम हनुमानगढ़ ने सुनाया फैसला
हनुमानगढ़. सम्पत्ति विवाद में दोस्त व उसके परिवार सहित चार जनों की कार सहित नहर में डालकर हत्या करने के बहुचर्चित मामले में बुधवार को मुख्य आरोपी को दोषी करार दिया गया। एडीजे प्रथम हनुमानगढ़ ने दोषी रमेश स्वामी निवासी मल्लडख़ेड़ा, टिब्बी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सह आरोपी रामलाल पुत्र भीखराम नायक निवासी मल्लडख़ेड़ा को दोष मुक्त कर दिया गया। राज्य की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक प्रथम सुमन झोरड़ ने पैरवी की।
प्रकरण के अनुसार इंदिरा गांधी नहर में नौ फरवरी 2021 की रात कार गिर गई थी। उसमें संगरिया के वार्ड 33 निवासी विनोद अरोड़ा (45) पुत्र प्रेमराज अरोड़ा, उसकी पत्नी रेणु (42) एवं बेटी रश्तिा (15) तथा गांव फतेहगढ़ निवासी सुनीता भाटी (40) पत्नी संदीप भाटी सवार थे। चारों के शव दस फरवरी को नहर से निकाले गए। वे सीकर में विनोद कुमार की बेटी का कॉलेज में दाखिला करवाकर लौट रहे थे। कार को आरोपी रमेश स्वामी चला रहा था। उसने पुलिस को बताया कि वह नहर के नजदीक लघुशंका करने उतरा था। पहले उसने गाड़ी सडक़ पर खड़ी कर दी। लेकिन पीछे से ट्रक आने के कारण उसने गाड़ी को नहर की पटरी पर खड़ा कर दिया तथा हैंड ब्रेक लगाना भूल गया। ढलान पर खड़ी गाड़ी नहर में जा गिरी। पुलिस ने पांच माह जांच के बाद 10 जुलाई को खुलासा किया कि नहर में कार गिरने का मामला कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि सुनियोजित ढंग से अंजाम दी गई हत्या की साजिश थी। पुलिस ने घटना की परतें खोलते हुए रमेश स्वामी को हत्या का आरोपी माना। उसने अपने काश्तकार रामलाल नायक के साथ मिलकर कार को नहर में डालने की योजना बनाई। पुलिस ने जांच कर दोनों के खिलाफ चालान पेश किया। न्यायालय ने सुनवाई के बाद रामलाल को बरी कर दिया तथा रमेश स्वामी को सजा सुनाई।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी रमेश स्वामी का मृतक विनोद कुमार से भूमि विक्रय को लेकर विवाद था जिसके एवज में उसने 15 लाख रुपए लिए थे। बाद में आरोपी ने भूमि विक्रय करने तथा 15 लाख रुपए लौटाने से मना कर दिया जिसके चलते दोनों में विवाद हुआ था। इसी रंजिश में रमेश कुमार ने विनोद की हत्या की प्लानिंग करनी शुरू कर दी। आठ फरवरी 2021 को विनोद कुमार को अपनी पुत्री दीया को अध्ययन के लिए सीकर छोडऩे जाना था। रमेश स्वामी को पता लगा तो उसने साजिश के तहत कार चालक के रूप में साथ चलने की बात कही। सीकर से वापसी के समय पूर्व योजना के तहत रमेश कुमार ने अपने काश्तकार रामलाल को लखूवाली हैड बुला लिया। फिर हैड पर नहर किनारे कार को लघु शंका के बहाने रोका। वहां मौजूद रामलाल के साथ मिलकर रमेश ने कार को धक्का देकर नहर में गिरा दिया। आरोपी रमेश स्वामी व विनोद कुमार में कभी गहरी दोस्ती थी।