हनुमानगढ़

लोकल लैबोरेट्री के बिना तो मेला खत्म होने के बाद ही मिल पाएगी जांच रिपोर्ट

जांच दल लेता है रेकॉर्ड संख्या में सैंपल, लोकल लेवल पर लैब नहीं होने से रिपोर्ट में विलम्ब, गोगामेड़ी मेले में मिलावटी खाद्य पदार्थों पर रोक लगाने को लेकर चिकित्सा विभाग जुटा तैयारियों में

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Without a local laboratory, the test report will be available only after the fair is over

हनुमानगढ़. गोगामेड़ी मेले में शुद्ध खाद्य व पेय पदार्थों का विक्रय एवं निर्माण सुनिश्चित करने को लेकर चिकित्सा विभाग और खाद्य सुरक्षा दल तैयारियों में जुट गया है। गत वर्ष की भांति इस बार भी प्रतिष्ठानों की जांच-पड़ताल कर बड़ी संख्या में सैंपल संग्रहण की तैयारी है। मगर स्थानीय अधिकारियों व कर्मचारियों के यह सारे प्रयास तब धरे रह जाते हैं, जब मेले से लिए गए सैंपल की रिपोर्ट शीघ्रता से नहीं मिल पाती। गोगामेड़ी के एक माह के मेले में लिए गए सैंपल की रिपोर्ट जब चार से पांच सप्ताह के बीच मिलती है तो इसका मतलब कि मेला खत्म होने के बाद रिपोर्ट आ रही है। यह अवधि मेला क्षेत्र में लगने वाले अस्थाई बाजार के लिए बहुत ज्यादा है। सैंपल की शीघ्र जांच रिपोर्ट के लिए हनुमानगढ़ में बजट घोषणा में स्वीकृत फूड लैबोरेट्री को शीघ्र जमीन पर उतरना जरूरी है। फिलवक्त, लैब निर्माण को लेकर कोई हलचल नहीं है।

मेला गतिविधि शुरू

गोगामेड़ी मेला 10 अगस्त से शुरू हो रहा है। मेले में काम करने वाले खाद्य व्यापारियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा विभाग निरंतर गोगामेड़ी में खाद्य लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन शिविर लगा रहा है। अब तक 50 रजिस्टे्रशन जारी किए जा चुके हैं। गत वर्ष मेले से 101 सैंपल लिए गए थे। जबकि कुछ साल पहले तक पूरे साल में इतने सैंपल लिए जाते थे।

जल्दी आए रिपोर्ट

आरटीआई जागृति मंच जिलाध्यक्ष प्रवीण मेहन कहते हैं कि मिलावटी खाद्य पदार्थ लोगों के पेट में जाने से बचाने के लिए जरूरी है कि सैंपल रिपोर्ट दो-तीन दिन में ही आ जाए। मेले में अस्थाई दुकानों से लिए सैंपल की रिपोर्ट एक माह में आएगी तो श्रद्धालुओं को तो उसका पूरा लाभ नहीं मिलेगा। भले ही बाद में दुकानदार पर कार्रवाई होती रहे।

दो बार मंजूर

जिले में फूड लैब पहले 2021 में मंजूर की गई थी जिसे बाद में हाशिए पर डाल दिया गया। इस साल बजट में फिर राज्य सरकार ने लैब निर्माण की घोषणा की। इसका सीएमएचओ कार्यालय परिसर में निर्माण प्रस्तावित है। सैंपल जांच वास्ते बाहर भेजने में अतिरिक्त समय व सरकारी धन खर्च होता है।

लिखा जाएगा पत्र

फूड लैब निर्माण को लेकर भूमि चिह्नित है जिसकी रिपोर्ट पूर्व में भेज चुके हैं। जल्दी ही इस संबंध में जिला कलक्टर डीओ लेटर लिखेंगे। मेला क्षेत्र में लाइसेंस व पंजीयन शिविर निरंतर लगाए जा रहे हैं। - डॉ. नवनीत शर्मा, सीएमएचओ।

Published on:
03 Aug 2025 10:50 am
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