Caffeine side effects : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के शोधकर्ताओं ने बताया कि चाय (Tea) और कॉफी (Coffee) में कैफीन (caffeine) होता है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system) को उत्तेजित करता है और शारीरिक निर्भरता को बढ़ावा देता है। कैफीन (Caffeine) का यह प्रभाव हमारे दैनिक जीवन और स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने चाय और कॉफी के सेवन में संयम बरतने की सलाह दी है, जो भारतीय संस्कृति में गहराई से रची-बसी हैं। हाल ही में, ICMR ने राष्ट्रीय पोषण संस्थान (NIN) के साथ मिलकर 17 नए आहार दिशानिर्देश प्रस्तुत किए हैं, जिनका उद्देश्य पूरे भारत में स्वस्थ खानपान की आदतों को बढ़ावा देना है। इन दिशानिर्देशों में विविध आहार और सक्रिय जीवनशैली के महत्व पर विशेष जोर दिया गया है।
चाय और कॉफी के सांस्कृतिक महत्व को स्वीकारते हुए, चिकित्सा विशेषज्ञों ने इनके अत्यधिक सेवन के संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति चेतावनी दी है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के शोधकर्ताओं ने बताया कि चाय और कॉफी में कैफीन (Caffeine) होता है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और शारीरिक निर्भरता को उत्पन्न करता है। इसलिए, ICMR ने इनके सेवन में संयम बरतने की सलाह दी है।
नई दिशानिर्देशों में लोकप्रिय पेयों के कैफीन (Caffeine) सामग्री पर भी प्रकाश डाला गया है। 150 मिलीलीटर ब्रूड कॉफी में 80 - 120 मिलीग्राम, इंस्टेंट कॉफी में 50 - 65 मिलीग्राम, और चाय में 30 - 65 मिलीग्राम कैफीन (Caffeine) होता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने दैनिक कैफीन (Caffeine) सेवन को 300 मिलीग्राम तक सीमित रखने की सलाह दी है, ताकि स्वास्थ्य पर संभावित नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके।
चिकित्सा संगठन ने भोजन से कम से कम एक घंटे पहले और बाद में चाय या कॉफी से बचने की सलाह दी है, क्योंकि इनमें टैनिन्स होते हैं, जो शरीर में आयरन के अवशोषण को कम कर सकते हैं। टैनिन्स पेट में आयरन से जुड़कर उसके अवशोषण को कठिन बना देते हैं, जिससे आयरन की कमी और एनीमिया जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अत्यधिक कॉफी सेवन उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी असामान्यताएं भी पैदा कर सकता है।
दिशानिर्देशों के अनुसार, बिना दूध की चाय पीने से रक्त संचार में सुधार होता है और कोरोनरी आर्टरी रोग (Coronary artery disease) तथा पेट के कैंसर जैसे रोगों का खतरा कम होता है। साथ ही, फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, दुबले मांस और समुद्री खाद्य पदार्थों से समृद्ध आहार की सिफारिश की गई है, जबकि तेल, चीनी और नमक का सेवन सीमित रखने की सलाह दी गई है।